
NCP नेता मोहम्मद फैजल की सांसदी बहाल करने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
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सुप्रीम कोर्ट ने 29 मार्च को राकांपा नेता और लक्ष्यद्वीप सांसद मोहम्मद फैजल की सदस्यता बहाल करने की लोकसभा सचिवालय की अधिसूचना के मद्देनजर संसद सदस्य के तौर पर उनकी अयोग्यता के खिलाफ दायर याचिका का निपटारा कर दिया था.
राकांपा यानी एनसीपी नेता मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता बहाल करने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. वकील अशोक पांडे ने यह याचिका दायर की है. इसमें उन्होंने पूछा है कि क्या एक अभियुक्त की दोषसिद्धि पर अदालत द्वारा लगाई गई रोक के आधार पर लोकसभा सदस्य की अयोग्यता को रद्द कर उसे फिर बहाल किया जा सकता है?
सुप्रीम कोर्ट ने 29 मार्च को राकांपा नेता और लक्ष्यद्वीप सांसद मोहम्मद फैजल की सदस्यता बहाल करने की लोकसभा सचिवालय की अधिसूचना के मद्देनजर संसद सदस्य के तौर पर उनकी अयोग्यता के खिलाफ दायर याचिका का निपटारा कर दिया था.
29 मार्च को लोकसभा सचिवालय द्वारा अधिसूचना को रद्द करने की मांग करते हुए अपनी याचिका में है कि यदि एक बार संसद या राज्य विधानमंडल के सदस्य ने संविधान के आर्टिकल 102 और 191 के तहत अपना पद खो दिया है तो ऐसे में अदालत द्वारा उसे जब तक आरोपों से बरी नहीं किया जाता तब तक उस व्यक्ति को अयोग्य ही घोषित किया जाएगा.
याचिका में उन्होंने कहा है कि कृपया इस मुद्दे का फैसला करें कि क्या किसी अभियुक्त की दोषसिद्धि को अपील की अदालत द्वारा रोका जा सकता है.
और अगर ऐसा है तो क्या दोषसिद्धि पर रोक के आधार पर ऐसा व्यक्ति जिसे अयोग्यता का सामना करना पड़ा है, संसद के सदस्य के रूप में दोबारा योग्य हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि फैजल ने अपनी लोकसभा सदस्यता तब खो दी थी जब उन्हें एक आपराधिक मामले में आईपीसी की धारा 307 के तहत दोषी ठहराया गया था. बाद में उन्हें इस मामले में दस साल की सजा सुनाई गई थी.

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