
MP: सिंगरौली में AAP ने BJP से छीनी सीट, प्रदेश में पार्टी का पहला मेयर बना
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सिंगरौली की नव निर्वाचित मेयर रानी अग्रवाल मारवाड़ी परिवार से ताल्लुक रखती हैं. इनका लंबे समय से समाजसेवा और राजनीति से जुड़ाव रहा है. रानी ने पहला चुनाव 2014 जिला पंचायत सदस्य के रूप में लड़ा था और जीत हासिल की थी.
मध्य प्रदेश के सिंगरौली में नगर निकाय चुनाव के चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं. यहां मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अप्रत्याशित जीत हासिल की है. AAP की रानी अग्रवाल ने बीजेपी के चंद्र प्रताप विश्वकर्मा को 9352 वोटों से चुनाव हरा दिया है. ये सीट पहले बीजेपी के कब्जे में थी. AAP ने बीजेपी के किले को ढहाया है. इसके साथ ही AAP का प्रदेश में पहला मेयर बन गया है.
सिंगरौली की नव निर्वाचित मेयर रानी अग्रवाल मारवाड़ी परिवार से ताल्लुक रखती हैं. इनका लंबे समय से समाजसेवा और राजनीति से जुड़ाव रहा है. रानी ने पहला चुनाव 2014 जिला पंचायत सदस्य के रूप में लड़ा था और जीत हासिल की थी. रानी को जिला पंचायत के अध्यक्ष बराबर मत मिले थे, लेकिन ट्राई में हार का सामना करना पड़ा था.
उसके बाद साल 2018 में रानी आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में थी. और काफी कम मतों से अंतर से चुनाव हारी थी. तब से लगातार यह क्षेत्र में सक्रिय रहीं. इस बार आम आदमी पार्टी ने दोबारा मेयर का प्रत्याशी बनाया और प्रचंड मतों से जीत हासिल की है. इतना ही नहीं, इस क्षेत्र से कई पार्षद भी AAP के निर्वाचित हुए हैं.
बता दें कि पार्टी की मेयर प्रत्याशी रानी अग्रवाल के चुनाव मैदान में आने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यहां रोड शो किया था. उन्होंने रानी अग्रवाल के पक्ष में चुनाव प्रचार किया था. उसके बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रोड शो किया था और अपने प्रत्याशी को जिताने का भरसक प्रयास किया था.
सिंगरौली की मेयर रानी अग्रवाल ऐन वक्त पर चुनाव मैदान में आई थीं. जबकि उनका पैर का ऑपरेशन हुआ था. वे व्हीलचेयर से पर्चा भरने पहुंची थीं लेकिन पिछले चुनाव में कम मतों से हारने के बाद लोगों की सहानुभूति भी देखी गई. इधर, भाजपा विधायक राम लल्लू वैश्य ने चंद्र प्रताप विश्वकर्मा को चुनाव मैदान में उतारा था. कहा जा रहा है कि सामान्य सीट पर पिछड़ा वर्ग के प्रत्याशी को उतारने पर सामान्य वर्ग के ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य मतदाता काफी नाराज चल रहे थे. जिसका फायदा आप पार्टी के प्रत्याशी रानी अग्रवाल को मिला और वह इस सीट पर कब्जा करने में सफलता मिली है.
अपने ही वार्ड हारे भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशी

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