
MP में निर्भया जैसी बर्बर यौन हिंसा... गैंगरेप पीड़िता की आंतें बाहर निकली हुई थीं और गुप्तांग पर थे चोट के निशान, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्रूरता का खुलासा
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महिला के साथ इस हद तक बर्बर यौन हिंसा की गई, जिससे उसकी आंत प्राइवेट पार्ट से बाहर निकल आई थी. गुप्तांगों पर गंभीर चोट के निशान थे, हालांकि गर्भाशय और रेक्टम बरकरार थे. अधिक खून बहने और सदमे से महिला की मौत हुई.
MP News: खंडवा जिले के आदिवासी बहुल खालवा इलाके में आदिवासी महिला के साथ हुए गैंगरेप और निर्मम हत्या के मामले ने देश को झकझोर दिया है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आए भयावह खुलासे ने इस घटना को दिल्ली के निर्भया कांड जैसी क्रूरता की श्रेणी में ला खड़ा किया है. महिला के साथ बर्बर यौन हिंसा की गई, जिससे उसकी आंत (176 सेंटीमीटर, यानी पौने छह फीट से अधिक) प्राइवेट पार्ट से बाहर निकल आई थी. गुप्तांगों पर गंभीर चोट के निशान थे, हालांकि गर्भाशय और रेक्टम बरकरार थे. अत्यधिक रक्तस्राव और सदमे से महिला की मौत हुई. खंडवा पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का हवाला देकर बर्बरता की बात को दबाने की कोशिश की. पुलिस ने गैंगरेप और हत्या की पुष्टि तो की, लेकिन प्राइवेट पार्ट से अंग बाहर निकलने की बात पर चुप्पी साधे रही.
तीन घंटे की देरी के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश रघुवंशी ने केवल इतना बताया कि दो आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज कर उन्हें हिरासत में लिया गया है.
वहीं, पीड़िता के परिजनों ने बार-बार कहा कि प्राइवेट पार्ट को इतना नुकसान पहुंचा था कि शरीर के आंतरिक अंग बाहर निकल आए थे. शुरू में परिवार ने इसे गर्भाशय समझा, जिसके कारण भारी रक्तस्राव से महिला की मौत हो गई. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने इस मामले की भयावहता को स्पष्ट कर दिया. डॉ. सीमा सूटे ने बताया, “खालवा से शव मर्चुरी में लाया गया. पोस्टमॉर्टम में गायनाकोलॉजिस्ट, खालवा के मेडिकल ऑफिसर, मेडिकल कॉलेज की एक डॉक्टर और मैं शामिल थीं.
फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. सीमा सूटे ने aajtak को बताया, ''जेनाइटल ऑर्गन से 176 सेंटीमीटर से अधिक आंत बाहर निकली थी. गुप्तांगों पर चोट थी, लेकिन पेट का हिस्सा सामान्य था. गर्भाशय और रेक्टम में कोई चोट नहीं थी.
सामान्यतः मांसपेशियों की शिथिलता के बिना आंत बाहर नहीं निकलती और यह तभी होता है जब गंभीर चोट लगे. हिंसा इतनी क्रूर थी कि या तो हाथों से या किसी वस्तु से प्राइवेट पार्ट को नुकसान पहुंचाया गया, जिसकी जांच पुलिस कर रही है.
डॉ. सूटे ने कहा, “मौत का कारण रक्तस्राव और सदमा था. समय पर इलाज मिलता तो बचाव संभव था, लेकिन सामान्य परिस्थितियों में यह मुश्किल था.''

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