
Moody’s Big Report: ट्रंप के टैरिफ जाल का भारत ने निकाल लिया तोड़, अमेरिकी एजेंसी ने ही खोल दी पोल!
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India GDP: सितंबर महीने में भारत का कुल निर्यात 6.75% बढ़ा, जबकि अमेरिका को भेजे गए सामान में 11.9% की गिरावट दर्ज की गई. यह दर्शाता है कि भारत ने अमेरिका-केंद्रित व्यापार निर्भरता को कम कर दूसरे बाजारों में अपनी पहुंच बढ़ा ली है.
अमेरिका (America) ने भारतीय प्रोडक्ट्स पर 50 फीसदी का टैरिफ (Tariff) लगाया है, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की 'दबाव नीति' के तहत भारत पर एकतरफा 50 फीसदी टैरिफ थोपा गया. लेकिन अब अमेरिकी रेटिंग एजेंसी ने ही इसकी हवा निकाल दी है.
दरअसल, अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody’s) की रिपोर्ट को मानें, तो अमेरिका द्वारा कुछ भारतीय प्रोडक्ट्स पर 50% तक के टैरिफ लगाने के बावजूद भारत अपने एक्सपोर्ट को बढ़ाने में सफल रहा है. सितंबर महीने में भारत का कुल निर्यात 6.75% बढ़ा, जबकि अमेरिका को भेजे गए सामान में 11.9% की गिरावट दर्ज की आई. यह दर्शाता है कि भारत ने अमेरिका-केंद्रित व्यापार निर्भरता को कम कर दूसरे बाजारों में अपनी पहुंच बढ़ा ली है. यानी भारत अब केवल अमेरिका के भरोसे नहीं रहने वाला है.
दुनिया में भारत का डंका
वैश्विक ट्रेड तनाव और महंगाई जैसी चुनौतियों के बीच भी Moody’s Ratings ने भारत की अर्थव्यवस्था के प्रति अपना पॉजीटिव रुख दिखाया है. अपनी 'Global Macro Outlook 2026-27' रिपोर्ट में एजेंसी ने यह अनुमान लगाया है कि भारतीय इकोनॉमी अगले दो वर्षों तक सालाना लगभग 6.5% की विकास दर के साथ बढ़ती रहेगी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत इस अवधि में G-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी रहने की संभावना रखता है.
भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती के पीछे मुख्यतौर पर तीन कारण हैं: (i) लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश. (ii) घरेलू उपभोक्ता मांग का मजबूत होना. (iii) एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने की रणनीति पर काम.
भारतीय इकोनॉमी में मजबूती के पीछे महंगाई पर काबू और ब्याज दरों में कटौती की अहम भूमिका रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि Reserve Bank of India ने अक्टूबर में रेपो दर स्थिर रखी, जो यह संकेत देता है कि महंगाई नियंत्रित है और अब विकास को बढ़ावा दिया जा सकता है. इस बीच विदेशी निवेशकों के नजरिये में भी भारत को लेकर सकारात्मक रुख रहा है.

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