
LIVE: मेड इन इंडिया वैक्सीन ना होती तो दुनिया में क्या होता, डेनमार्क में बोले PM मोदी
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डेनमार्क में पीएम नरेंद्र मोदी का कुछ देर में संबोधन शुरू होने जा रहा है. वे वहां मौजूद भारतीय समुदाय को संबोधित करने जा रहे हैं.
डेनमार्क में प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन से अहम मुलाकात के बाद पीएम नरेंद्र मोदी अब वहां पर रह रहे भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे हैं. बेला सेंटर में बड़ी संख्या में आए भारतीय समुदाय के लोगों से अपनी मन की बात कर रहे हैं. कल सोमवार को भी मोदी द्वारा जर्मनी में रहे भारतीय समुदाय से बात की गई थी. तब उन्होंने अपनी सरकार की सफलता बताने से लेकर भविष्य की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की थी.
अब यहां डेनमार्क में भी वे भारतीय समुदाय से कई मुद्दों पर चर्चा करने रहे हैं. वहां मौजूद लोग भी खासा उत्साहित और खुश नजर आ रहे हैं. जमीन पर जब आजतक ने वहां मौजूद लोगों से बात की तो सभी ने पीएम से मिलने की उत्सुकता जाहिर की थी. उनका कहना था कि वे सुबह से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंतजार कर रहे हैं.
पीएम मोदी के संबोधन की अहम बातें
वहां मौजूद भारतीय समुदाय से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि डेनमार्क और भारत के रिश्ते काफी मजबूत हैं. उन्होंने बताया है कि उनकी डेनमार्क पीएम के साथ जो मुलाकात हुई है, उस वजह से दोनों देशों के बीच पहले से मजबूत रिश्ते और खास बनने वाले हैं. उन्होंने इस बात पर भी खुशी जाहिर की कि डेनमार्क में रहे भारतीय भी अलग-अलग समुदाय से आते हैं. सभी की अलग भाषा है. कोई तमिल है, कोई गुजराती है तो कोई बंगाल का है. उनकी माने तो विदेश में मौजूद सभी लोग ऐसे भारतीयों की तारीफ करते हैं.
संबोधन में पीएम ने कोरोना काल का भी जिक्र करते हुए कहा कि इसका असर पूरी दुनिया पर जरूर पड़ा है लेकिन भारत ने एक निर्णायक भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि अगर भारत द्वारा मेड इन इंडिया वैक्सीन नहीं बनाई जाती, तो इस संकट में दुनिया का क्या होता? उनकी माने तो भारत द्वारा पूरी दुनिया को इस मुश्किल समय में वैक्सीन और दवाई दी गई है.
पीएम ने भारतीय समुदाय से बात करते वक्त डिजिटल इंडिया का भी जिक्र किया. जोर देकर कहा गया कि पहले किसी को उम्मीद नहीं थी कि भारत डिजिटल की दिशा में आगे बढ़ पाएगा. लेकिन उनकी सरकार ने उस सोच को ही बदल दिया. स्टार्ट अप को लेकर भी मोदी ने कहा कि पहले दुनिया में इस मामले में भारत की कोई गिनती नहीं होती थी. लेकिन अब यूनिकार्न के मामले में भारत पूरी दुनिया में तीसरे नंबर पर खड़ा है.

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