Kunwara Panchami 2022: कब है कुंवारा पंचमी? जानें इस दिन किन पितरों का होता है श्राद्ध, विधि भी जानें
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Kunwara panchami 2022: 14 सितंबर को पंचमी तिथि का श्राद्ध भी होगा, जिसे कुंवारा पंचमी कहते हैं. कुंवारा पंचमी पर अविवाहित पितरों का श्राद्ध किया जाता है. साथ ही जिन लोगों की मृत्यु पंचमी तिथि के दिन होती है, उनका श्राद्ध भी इसी दिन होता है.
Pitru Paksha 2022: 10 सितंबर से पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है, जो 25 सितंबर तक रहने वाले हैं. इस दौरान तिथिनुसार पितरों का श्राद्ध किया जाएगा. इस बीच 14 सितंबर को पंचमी तिथि का श्राद्ध भी होगा, जिसे कुंवारा पंचमी कहते हैं. कुंवारा पंचमी पर अविवाहित पितरों का श्राद्ध किया जाता है. साथ ही जिन लोगों की मृत्यु पंचमी तिथि के दिन हो जाती है, उनका श्राद्ध भी इसी दिन होता है. इस दिन कुंवारे पितरों का विधिवत श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है.
कुंवारा पंचमी पर कैसे करें पितरों का श्राद्ध? पितृपक्ष की पंचमी तिथि सुबह स्नानादि के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनें. स्नान करने के बाद पितरों का खाना तैयार करें. इस भोग में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. भोग में खीर को जरूर शामिल करना चाहिए. इसके बाद अपने कुंवारे पितरों को याद करें. पितरों का श्राद्ध करने के बाद पहले चींटी, कुत्ता, कौवा और गाय जैसे जीवों को खाना खिलाएं. इसके बाद ब्राह्मणों को भोज कराएं. इसके बाद उन्हें दान, दक्षिणा दें और पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें.
कुंवारा पंचमी पर ये गलतियां करने से बचें कुंवारा पंचमी के दिन प्याज, लहसुन या तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए. इसके अलावा बासी खाना, काला नमक, सफेद तिल, लौकी, मसूर की दाल, सरसों का साग, मांस और मदिरा पान से भी दूर रहें. कुंवारा पंचमी पर इन चीजों को खाने से पितृ नाराज हो सकते हैं. इस दिन मांगलिक या शुभ कार्य भी ना करें.
कुंवारा पंचमी से कितने श्राद्ध बाकी? 14 सितंबर - पंचमी का श्राद्ध- अविवाहित या पंचमी तिथि पर मृत्यु को प्राप्त होने वाले पितरों का श्राद्ध पंचमी तिथि को होता है. इसे कुंवारा पंचमी श्राद्ध भी कहते हैं.
15 सितंबर - षष्ठी का श्राद्ध- जिनकी मृत्यु षष्ठी तिथि को हुई है, उनका श्राद्ध षष्ठी तिथि को किया जाता है.
16 सितंबर - सप्तमी का श्राद्ध- सप्तमी तिथि को चल बसे लोगों का श्राद्ध सप्तमी तिथि पर होगा.
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