Jharkhand Govt News: कर्ज में डूबा है ये राज्य, लेकिन अब CM से लेकर विधायक की बढ़ने वाली है सैलरी
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राज्य बनने के बाद अब 8वीं बार इनके वेतन, भत्ता और सुविधाओं में इजाफे को लेकर प्रस्ताव सदन में पेश हो चुका है. जबकि झारखंड पर अभी 25 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज है. यहां के लगभग 46% लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं.
झारखंड जब बिहार से अलग हुआ था तो सरप्लस बजट वाला स्टेट था. लेकिन अब यहां पैदा होने वाला हर बच्चा लगभग 26 हजार रुपये से ज्यादा का कर्जदार है. राज्य पर अभी 25 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज है. यहां के लगभग 46% लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं. ये आंकड़े बता रहे हैं कि देश के 40% खनिज अपने कोख में रखने वाले प्रदेश की गोद में कितनी गरीबी है.
हालांकि इन्ही गरीबों की नुमाइंदगी विधानसभा में करने वाले सीएम, नेता प्रतिपक्ष, मुख्य सचेतक, सचेतक, उपसचेतक, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और मंत्री सब फल फूल रहे हैं. राज्य बनने के बाद अब 8वीं बार इनके वेतन, भत्ता और सुविधाओं में इजाफे को लेकर प्रस्ताव सदन में पेश हो चुका है. विधायकों के वेतन बढ़ोतरी का प्रस्ताव पहले ही पेश हो चुका है.
झारखंड में विधायकों की बल्ले-बल्ले
कमिटी के संयोजक रामचंद्र चंद्रवंशी ने बताया की विधायकों और मंत्री समेत CM, नेता प्रतिपक्ष, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सबका नोटिफिकेशन एक साथ निकाला जाएगा. अक्सर सदन में तमाम मुद्दों को लेकर टकराने वाले पक्ष-विपक्ष इस मुद्दे पर बिल्कुल शांत थे, और सहमत भी दिखे.
झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने इस विषय पर कहा कि राज्य कर्ज लेते हैं, लेकिन उसका इस्तेमाल विकास कार्यों के लिए लिया जाता है, वेतन इससे पहले रघुवर शासन में साल 2015 में बढ़ा था. सैलरी और सुविधाओं के रिव्यू का परंपरा पीरियोडिक गैप पर होता ही है, इसकी जरूरत भी है.
कुछ विधायक जैसे बीजेपी की अनंत ओझा ने कहा कि अभी बढ़ा तो नहीं है, लेकिन रिपोर्ट पेश हो चुकी है और किसी ने विरोध नहीं किया है, क्योंकि सीएम से लेकर विधायक तक की सैलरी बढ़ने वाली है, तो फिर विरोध कौन करेगा. जाहिर है सभी खुश हैं.