IPC Section 29: जानें, क्या होती है आईपीसी की धारा 29?
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भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 29 (Section 29) यह बताती है कि दस्तावेज (Document) क्या है. धारा 29 के अनुसार 'दस्तावेज' शब्द (Word) किसी भी विषय (Topic) का द्योतक (Emblematic) है
Indian Penal Code यानी भारतीय दंड संहिता की धाराओं में जुर्म (Crime), सजा (Punishment) के साथ कानून (Law) से जुड़े प्रावधान (Provisions) मौजूद हैं. इसकी धारा 29 में 'दस्तावेज' को परिभाषित किया गया है. आइए जानते हैं कि आईपीसी (IPC) की धारा 29 (Section 29) क्या बताती है?
आईपीसी की धारा 29 (IPC Section 29) भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 29 (Section 29) यह बताती है कि दस्तावेज (Document) क्या है. धारा 29 के अनुसार 'दस्तावेज' शब्द (Word) किसी भी विषय (Topic) का द्योतक (Emblematic) है जिसको किसी पदार्थ पर अक्षरों (Letters on matter), अंकों या चिह्नों के साधन (Means of numerals) द्वारा, या उनमें एक से अधिक साधनों द्वारा अभिव्यक्त (Expressed) या वर्णित (Described) किया गया हो जो उस विषय के साक्ष्य (Evidence) के रूप में उपयोग किए जाने को आशयित (Intended) हो या उपयोग (Used) किया जा सके.
क्या होता है दस्तावेज? (What is Document?) साधारण भाषा में कहें तो दस्तावेज़ या प्रलेख या डॉक्यूमेंट (Document) ऐसी वस्तु को कहते हैं, जिसमें काग़ज़ (Paper), कम्प्यूटर फ़ाइल (Computer file) या किसी अन्य माध्यम (any other medium) पर किसी इंसान (Humans) या मानवों द्वारा बनाए गए चिह्नों (Signs), शब्दों (Words), विचारों (Ideas), चित्रों (Pictures) या अन्य अर्थपूर्ण जानकारी (Meaningful information) को दर्ज किया गया हो. कानूनी व्यवस्था (Legal system) में किसी समझौते (Agreement), सम्पति-अधिकार (Property right), घोषणा (Declaration) या अन्य महत्वपूर्ण बात का प्रमाण (Evidence) देने के लिए दस्तावेज़ों का विशेष प्रयोग होता है.
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क्या है आईपीसी (IPC) भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक द्वारा किए गए कुछ अपराधों की परिभाषा और दंड का प्रावधान करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.
अंग्रेजों ने लागू की थी IPC ब्रिटिश कालीन भारत के पहले कानून आयोग की सिफारिश पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.
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