Glamor की दुनिया छोड़ गांव की Sarpanch बनेगी Top Model Aeshra Patel
AajTak
आर्थिक तंगी और भाई को पढ़ाने के सपने के साथ 400 रुपए लेकर गुजरात के एक गांव की लड़की मुंबई गई थी. 12 साल में इस लड़की ने तरक्की की कई सीढ़ियां चढ़ी. 1 से ज्यादा ब्रांड्स के साथ काम किया. 150 से ज्यादा एडवाटाइजिंग का हिस्सा रहीं. लेकिन अब ये लड़की अपनी ग्लैमर से भरी दुनिया छोड़ कर छोटे से गांव की सरंपच बनना चाहती हैं. ऐश्रा पटेल, ये गुजरात के छोटा उद्देपुर के कावीठा गांव की रहने वाली हैं. ऐश्रा कहती हैं कि लॉकडाउन के वक्त जब वो गांव में रहीं तब उन्होंने यहां के लोगों की तकलीफ समझी. ऐश्रा ने कहा कि वो पूरी दुनिया घूम चुकी हैं और दुनिया बहुत ज्यादा आगे बढ़ गयी है लेकिन उनका गांव जहां था अब भी वहीं है. देखें ये रिपोर्ट.
नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
देश के ज्यादातर मैदानी इलाकों में पड़ रही प्रचंड गर्मी के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने बड़ा फैसला लिया है. LG ने निर्देश दिया है कि इस भीषण गर्मी में मजदूरों को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक काम से छुट्टी मिलेगी. साथ ही मजदूरों को मिलने वाली इस राहत के बदले कोई भी उनकी सैलरी नहीं काट सकेगा.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.