)
GDP के मुकाबले डिफेंस सेक्टर पर कितना खर्च करता है भारत, जानें बजट में हिस्सेदारी कितनी?
Zee News
किसी भी देश की सीमाओं का मजबूत होना बेहद जरूरी है. ये न सिर्फ सुरक्षा के दृष्टिकोण से अहम है बल्कि स्थिरता से ही आर्थिक विकास के लक्ष्य प्राप्त करना भी आसान होता है. भारत की उत्तरी और पश्चिमी सीमा पर चुनौतियां बनी रहती हैं. ऐसे में रक्षा क्षमताओं का बेहतरीन होना आवश्यक है.
नई दिल्ली: किसी भी देश की सीमाओं का मजबूत होना बेहद जरूरी है. ये न सिर्फ सुरक्षा के दृष्टिकोण से अहम है बल्कि स्थिरता से ही आर्थिक विकास के लक्ष्य प्राप्त करना भी आसान होता है. भारत की उत्तरी और पश्चिमी सीमा पर चुनौतियां बनी रहती हैं. ऐसे में रक्षा क्षमताओं का बेहतरीन होना आवश्यक है. हालांकि सरकार भी इसे समझती है, लेकिन बजट में रक्षा पर आवंटन कुल खर्च के हिस्से के रूप में कम हो रहा है.

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.

India Nuclear Missile Force: दुनिया में आज के समय में सभी देश अपनी सैन्य शक्तियों को मजबूत कर रहे हैं. भारत ने भी पिछले कुछ दशकों में अपनी सैन्य ताकत में काफी मजबूती लाई है. भारत की परमाणु क्षमता की चर्चा दुनिया में अक्सर होती है, लेकिन इसे गहराई के साथ काफी कम लोग ही जानते हैं. भारत ने सिर्फ अग्नि श्रृंखला ही नहीं बल्कि जमीन, समुद्र, हवा और क्रूज मिसाइल सिस्टम का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया है.









