
Exclusive: 'मैं अपने हनीमून फेज में हूं', बोलीं पूजा भट्ट, बताया एल्विश के साथ अब कैसा है रिश्ता
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आजतक से पूजा भट्ट ने एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस बातचीत में पूजा भट्ट ने बताया कि उन्होंने 'बिग गर्ल्स डोन्ट क्राइ' सीरीज को क्यों चुना, उनकी फिल्म 'सना' भारत में कब रिलीज होगी और साथ ही उन्होंने बिग बॉस ओटीटी 2 फेम एल्विश यादव और उनके विवादों को लेकर भी बात की.
पूजा भट्ट बॉलीवुड की बेहतरीन एक्ट्रेसेज में से एक हैं. उनकी नई सीरीज 'बिग गर्ल्स डोन्ट क्राइ' इस हफ्ते अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई है. इस सीरीज में पूजा भट्ट को एक गर्ल्स बोर्डिंग स्कूल की सख्त प्रिंसिपल के रोल में देखा जा रहा है. पूजा अपनी परफॉरमेंस के लिए खूब तारीफें बटोर रही हैं. इस बीच उन्होंने आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस बातचीत में पूजा भट्ट ने बताया कि उन्होंने 'बिग गर्ल्स डोन्ट क्राइ' सीरीज को क्यों चुना, उनकी फिल्म 'सना' भारत में कब रिलीज होगी और साथ ही उन्होंने बिग बॉस ओटीटी 2 फेम एल्विश यादव और उनके विवादों को लेकर भी बात की.
कैसा लगा नए टैलेंट के साथ काम करके?
जी देखिए, मेरी फितरत में ये हैं, भट्ट साहब ने मुझे हमेशा से कहा था कि इंडस्ट्री में सिर्फ नए लोगों की नहीं नए नजरिए की जरूरत है. मुझे लगता है कि ये बहुत जरूरी है. एक बार आप टाइपकास्ट हो जाते हैं, फिर लोग आपको किसी दूसरे रोल में देखते ही नहीं हैं, जबतक कोई आपको नए रोल में पेश करता है. लोग नए लोगों के बारे में बात करते हैं, लेकिन नए लोगों को इतना चांस नहीं मिलता है, क्योंकि लोगों के पास इतना समय नहीं हैं कि वो नए लोगों को ट्रेन्ड कर पाएं. वो कोशिश करते हैं कि आप सीख लें पहले और फिर हम काम शुरू करें. लेकिन इस शो के लिए उन्होंने 4000 लड़कियों के ऑडिशन लिए थे. इतने सारे लोगों में से एक उन्होंने अलग-अलग लड़कियों को चुना है. एक लड़की है वो पुणे की है, एक अमृतसर की है. वो कूकी कटर चीज नहीं की गई है कि आप यहां आओ और फिर सबको एक ही लुक और आदतें दें. हर एक की अपनी पर्सनैलिटी अपनी खासियत है, जो राइटर ने, डायरेक्टर ने जोड़कर आपके सामने पेश किया है.
ये जो दुनिया है गर्ल्स बोर्डिंग स्कूल, ये किसी ने एक्सप्लोर नहीं की है. ये सारे जो मेकर्स हैं न सुधांशु (सरिया), नित्या (मेहरा) ये सब बोर्डिंग स्कूल के बच्चे हैं. उनके लिए बहुत पर्सनल जर्नी है ये. ये उनकी दुनिया है, जिससे वो बने है और उसी को वो पर्दे पर उतारना चाहते थे. और उसके अलावा वो जानते थे कि जिस एज ग्रुप के बारे में आप बात कर रहे हैं, जिनके दिल में आप जा रहे हैं, उसे बहुत जिम्मेदारी के साथ निभाना होता है. शो की अप्रोच छोटी नहीं है. नॉर्मली जो होता है कि लोग शॉक वैल्यू के लिए टीनएजर्स को ज्यादा सेक्शुअल करते हैं या फिर उन्हें बेवकूफ दिखाते हैं. लेकिन एक आज की भाषा में उन्हें दिखाना कि हां हमारे बच्चे ऐसा सोचते हैं, ये सब महसूस करते हैं, उनके स्ट्रगल ये होते हैं. कोई अपनी फैमिली को लेकर परेशान होता है, कोई अपनी सेक्शुअलिटी को लेकर स्ट्रगल करता है, किसी के सपने अलग होते हैं. आखिरी बात ये है कि आपको अपने जैसा होना चाहिए.
मैं बहुत खुश हूं कि ऐसी जर्नी के साथ मैं जुड़ पा रही हूं, जिसमें मेकर्स का नजरिया अलग है. वो अपनी ऑथेनिक जिंदगी आपके साथ शेयर कर रहे हैं.
आप मानती हैं कि इंडस्ट्री में नेपोटिज्म है?

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