Primary Country (Mandatory)

Other Country (Optional)

Set News Language for United States

Primary Language (Mandatory)
Other Language[s] (Optional)
No other language available

Set News Language for World

Primary Language (Mandatory)
Other Language(s) (Optional)

Set News Source for United States

Primary Source (Mandatory)
Other Source[s] (Optional)

Set News Source for World

Primary Source (Mandatory)
Other Source(s) (Optional)
  • Countries
    • India
    • United States
    • Qatar
    • Germany
    • China
    • Canada
    • World
  • Categories
    • National
    • International
    • Business
    • Entertainment
    • Sports
    • Special
    • All Categories
  • Available Languages for United States
    • English
  • All Languages
    • English
    • Hindi
    • Arabic
    • German
    • Chinese
    • French
  • Sources
    • India
      • AajTak
      • NDTV India
      • The Hindu
      • India Today
      • Zee News
      • NDTV
      • BBC
      • The Wire
      • News18
      • News 24
      • The Quint
      • ABP News
      • Zee News
      • News 24
    • United States
      • CNN
      • Fox News
      • Al Jazeera
      • CBSN
      • NY Post
      • Voice of America
      • The New York Times
      • HuffPost
      • ABC News
      • Newsy
    • Qatar
      • Al Jazeera
      • Al Arab
      • The Peninsula
      • Gulf Times
      • Al Sharq
      • Qatar Tribune
      • Al Raya
      • Lusail
    • Germany
      • DW
      • ZDF
      • ProSieben
      • RTL
      • n-tv
      • Die Welt
      • Süddeutsche Zeitung
      • Frankfurter Rundschau
    • China
      • China Daily
      • BBC
      • The New York Times
      • Voice of America
      • Beijing Daily
      • The Epoch Times
      • Ta Kung Pao
      • Xinmin Evening News
    • Canada
      • CBC
      • Radio-Canada
      • CTV
      • TVA Nouvelles
      • Le Journal de Montréal
      • Global News
      • BNN Bloomberg
      • Métro
COP26: ग्लोबल सोलर ग्रिड पर लग सकती है मुहर, समझिए क्या है भारत का ये आइडिया

COP26: ग्लोबल सोलर ग्रिड पर लग सकती है मुहर, समझिए क्या है भारत का ये आइडिया

The Quint
Tuesday, October 19, 2021 05:43:41 PM UTC

Global Solar Grid in COP26: ग्लासगो में होने जा रहे जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP 26) में ग्लोबल सोलर ग्रिड की महत्वाकांक्षी योजना को संभावित रूप से अपनाया जायेगा. इस योजना को One Sun One World One Grid (OSOWOG) के नाम से भी जाना जाता है.

ग्लासगो में होने जा रहे जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP 26) में ग्लोबल सोलर ग्रिड की महत्वाकांक्षी योजना को संभावित रूप से अपनाया जायेगा. इस योजना को One Sun One World One Grid (OSOWOG) के नाम से भी जाना जाता है. अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन या ISA इस पहल को लागू करने वाली संस्था है.ADVERTISEMENTअंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के महानिदेशक अजय माथुर ने 18 अक्टूबर को कहा कि,“भारत सरकार ने ISA को इस पहल की व्यवहार्यता पर एक स्टडी करने के लिए कहा है. हम एक डिक्लेरेशन (OSOWOG पर) जारी करने की उम्मीद कर रहे हैं जिसे COP26 में अपनाया जा सकता है."TERI और फ्रांसीसी एनर्जी फर्म AETS और EDS भी योजना पर काम कर रहे हैं. गौरतलब है कि OSOWOG उन मुख्य मुद्दों में से एक है जिस पर ISA की चल रही चौथी जनरल असेंबली में चर्चा की जाएगी. यह बैठक 18 से 21 अक्टूबर 2021 के बीच वर्चुअल मोड में आयोजित की जा रही है. ऐसे में सवाल है कि आखिर ग्लोबल सोलर ग्रिड या OSOWOG क्या है ?ग्लोबल सोलर ग्रिड या OSOWOG है क्या ?अक्टूबर 2018 में "वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड" (OSOWOG) का कॉन्सेप्ट सबसे पहली बार एक वैश्विक मंच पर सामने आया था. इसे तब अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की पहली जनरल असेंबली में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रस्तुत किया था.इसके बाद अपने 2020 के स्वतंत्रता दिवस के भाषण में पीएम मोदी ने इसे एक मेगा-प्लान के रूप में फिर से सामने लाया, जिसका उद्देश्य एक ट्रांस-नेशनल इलेक्ट्रिक ग्रिड का निर्माण करना था जो चरणबद्ध तरीके से दुनिया भर में बिजली की आपूर्ति करेगा.OSOWOG की योजना बिजली उत्पादन के एक अधिक स्थायी स्रोत को प्राप्त करने की दिशा में कदम है. OSOWOG सतत विकास के वैश्विक लक्ष्य को आगे बढ़ाते हुए सौर ऊर्जा को नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत के रूप में उपयोग करता है.2020 में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने OSOWOG के लिए एक महत्वाकांक्षी ड्राफ्ट प्लान का प्रस्ताव रखा. इसका उद्देश्य 140 देशों को एक "कॉमन ग्रिड" के माध्यम से जोड़ना है जिसका उपयोग सौर ऊर्जा के ट्रांसफर के लिए एक चैनल के रूप में किया जाएगा.इस प्लान के पीछे मंत्र यह है कि- "सूर्य कभी अस्त नहीं होता" क्योंकि यह किसी भी समय दुनिया के किसी न किसी भाग में हमेशा स्थिर रहता है. इस पहल का उद्देश्य सूरज से चौबीसों घंटे बिजली उत्पन्न करना है, क्योंकि यह दुनिया के एक हिस्से में डूबता है तो दू...

Read full story on The Quint
Share this story on:-
More Related News
© 2008 - 2025 Webjosh  |  News Archive  |  Privacy Policy  |  Contact Us