
CJI जूता कांड में बाकी राजनीतिक दलों के मुकाबले आम आदमी पार्टी अति सक्रिय क्यों?
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CJI जस्टिस बीआर गवई पर हुए हमले के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल और उनके साथी हद से ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे हैं. क्या और राजनीतिक दलों को इस मामले में दलितों का मुद्दा नहीं समझ में आ रहा है? वो भी तब जबकि बिहार में चुनावी माहौल पूरी तरह गर्म है.
देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंके जाने का काफी विरोध हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना की निंदा की है. राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने भी, लेकिन जिस तरह अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी मुहिम चला रही है, वो अलहदा लग रहा है.
अरविंद केजरीवाल और उनकी पूरी टीम फिलहाल इसी मुद्दे पर फोकस नजर आ रही है. दिल्ली में सौरभ भारद्वाज लगातार विरोध की अलग जगाए हुए हैं. सौरभ भारद्वाज के X हैंडल को देखें तो लगता है, आम आदमी पार्टी के पास अभी तो इससे बड़ा कोई मुद्दा ही नहीं है.
सबसे बड़ी बात तो पंजाब में 100 से भी ज्यादा एफआईआर हुए हैं. ये ठीक है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है. भगवंत मान मुख्यमंत्री हैं, और उनके एक आदेश पर एक्शन में आ जाने वाली पंजाब पुलिस है - लेकिन, ऐसी क्या बात है जो देश के बाकी राजनीतिक दलों से ज्यादा अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को ही चीफ जस्टिस और न्यायपालिका की फिक्र है?
पंजाब में 100 से ज्यादा एफआईआर
6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के कोर्ट रूम में एक वकील ने जूता फेंकने की कोशिश की थी. पुलिस के अनुसार, वो वकील पिछले महीने खजुराहो में विष्णु प्रतिमा की पुनर्स्थापना से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी से नाराज था.
अब जस्टिस बीआर गवई ने भी घटना पर अपनी बात रखी है. घटना के तीन दिन बाद एक मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई ने कहा, मेरे साथी और मैं सोमवार को हुई घटना से सन्न रह गए थे, लेकिन अब हमारे लिए वो बीता हुआ समय यानी इतिहास का एक पन्ना या अध्याय है. जस्टिस गवई ने हमलावर वकील के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है, और उसके जूते लौटाने को भी बोल दिया था.

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