Chennai: आज तक के रिपोर्टर की जाबाजी, आग की लपटों में घिरे अस्पताल से मरीजों को बचाया
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सरकारी अस्पताल में आग लगने की सूचना मिलने के बाद आजतक के रिपोर्टर प्रमोद माधव रिपोर्टिंग करने पहुंचे थे. उन्होंने देखा की मौके पर मौजूद दमकल कर्मियों की संख्या बेहद कम है और वे काफी परेशान हो रहे हैं. प्रमोद ने तत्काल मोर्चा संभाला और अस्पताल की छत पर फंसे मरीजों को रेस्क्यू करना शुरू कर दिया.
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में बुधवार को एक सरकारी अस्पताल में आगजनी हो गई. भीषण गर्मी में दमकल कर्मियों को आग बुझाते देख मौके पर पहुंचे आजतक के रिपोर्टर ने भी लोगों की जान बचाने में मदद की. उन्होंने काफी देर तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बिल्डिंग में फंसे कई मरीजों की जान बचाई.
दरअसल, बुधवार दोपहर चेन्नई के राजीव गांधी सरकारी अस्पताल में आग लग गई थी. हादसे के कुछ ही देर बाद आजतक के रिपोर्टर प्रमोद माधव मौके पर रिपोर्टिंग के लिए पहुंच गए. उन्होंने देखा कि दमकल कर्मियों पर काम का बहुत ज्यादा बोझ है. उनकी कोशिशों के बावजूद भी उबला देने वाली गर्मी में कई मरीज अस्पताल की छत पर फंसे हुए हैं. उन्होंने तत्काल उन मरीजों को बचाने का फैसला किया और बचाव अभियान में जुट गए.
आग के धुएं और जान का जोखिम होने के बावजूद प्रमोद माधव अपने पत्रकार साथियों और कैमरापर्सन के साथ बीमार और बुजुर्गों की जान बचाकर उन्हें अस्पताल के बाहर सुरक्षित स्थान पर ले जाते रहे. दमकल कर्मियों और प्रमोद माधव सहित कई लोगों की मदद से सभी मरीजों को सुरक्षित बचा लिया गया.
घटना के बारे में बताते हुए प्रमोद माधव ने कहा कि यह एक रासायनिक आग थी. आग का धुआं आंखों और फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रही थी, इसलिए कोई भी बिल्डिंग के पास नहीं जा पा रहा था. दमकल कर्मियों की संख्या बेहद कम थी. उनकी तादाद के हिसाब से काम बहुत ज्यादा था. इसलिए हमने मैदान में उतरने का फैसला किया. हमने अस्पताल के उन कर्मचारियों की मदद की, जो आंग में फंसे हुए लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे थे. ऐसे लोगों को विशेष रूप से निकाला जा रहा था, जो चल-फिर नहीं सकते.
प्रमोद माधव ने आगे कहा कि अग्निशमन कर्मचारियों ने बेहद शानदार काम किया. वे आग को बुझाने की कोशिश में पूरे समय जुटे रहे. हम लोग जब अस्पताल के पीछे की तरफ गए तो देखा कि करीब 70 लोग भीषण गर्मी में इमारत के ऊपर फंसे हुए थे. चूंकि यह एक पुरानी इमारत थी, इसलिए उन्हें आपातकालीन गेट नहीं मिला. वहां मौजूद मीडिया के लोगों ने उन्हें छत से निकालने में मदद करनी शुरू कर दी. हम उन्हें वहां से हटाकर छांव में ले गए. बाद में राज्य सरकार ने उन्हें बचाने के लिए बड़ी क्रेन भी भेज दी.
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