Chandrayaan 3 New Image: इस समय कैसा दिख रहा है Vikram Lander, चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने ली Photo
AajTak
5 सितंबर से पहले ही Chandrayaan-3 का विक्रम लैंडर सो गया था. अंधेरे वाले चांद में कैसा दिख रहा है Vikram Lander? यह जानने के लिए चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर को भेजा गया. उसने 6 सितंबर को विक्रम लैंडर की तस्वीर ली. ISRO ने अब यह तस्वीर जारी की है, जो रात में चंद्रयान-3 के लैंडर को दिखा रही है.
5 सितंबर 2023 को चांद के उस हिस्से में रात हो गई थी, जहां पर Chandrayaan-3 का विक्रम लैंडर है. अब अंधेरे में चंद्रयान-3 का लैंडर कैसा दिखता है. यह पता करने के लिए उसके ऊपर से चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर को गुजारा गया. ऑर्बिटर में लगे खास कैमरे ने रात के अंधेरे में चंद्रयान-3 के लैंडर की तस्वीर ली.
6 सितंबर 2023 को ली गई तस्वीर में चांद की सतह नीले, हरे और गहरे काले रंग की दिख रही है. इसी के बीच में एक पीले गोले में दिख रहा है, पीली रोशनी के साथ दिख रहा है हमारा विक्रम लैंडर. यहां तीन तस्वीरें हैं. बाएं तरफ पहली वर्टिकल फोटो में बड़े इलाके में पीले चौकोर डिब्बे में वह इलाका दिखाया गया है, जहां पर लैंडर उतरा था.
दाहिने ऊपर जो फोटो है, वह 6 सितंबर की फोटो है, जिसमें गोल पीले घेरे में चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर पीले रंग की रोशनी में दिख रहा है. नीचे 2 जून 2023 की फोटो है, जब लैंडर वहां उतरा नहीं था. असल में यह तस्वीर चंद्रयान-3 के ऑर्बिटर में लगे ड्युल-फ्रिक्वेंसी सिंथेटिक अपर्चर राडार (DFSAR) ने ली है.
अंधेरे में तस्वीर लेने वाला खास यंत्र है DFSAR
DFSAR एक खास यंत्र है, जो रात के अंधेरे में हाई रेजोल्यूशन पोलैरीमेट्रिक मोड में तस्वीर लेता है. यानी अंधेरे में धातुओं से निकलने वाली हीट और रोशनी को यह पकड़ लेता है. चाहे वह प्राकृतिक तौर पर मौजूद धातु हो या इंसानों द्वारा धातुओं से निर्मित कोई वस्तु.
केरल में ड्राइविंग के दौरान नियमों की धजी उड़ाने वाले शख्स पर कार्रवाई करते हुए मोटर व्हीकल विभाग ने तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है. अलप्पुझा के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) आर. रामनन की जांच के बाद आरोपी पुजारी बैजू विंसेंट के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर किया गया है.
दिल्ली-कनाडा फ्लाइट को बीते सप्ताह उड़ाने की धमकी एक मेल के जरिए दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने 13 साल के एक बच्चे को पकड़ा है. यह मेल बच्चे ने हंसी-मजाक में भेज दिया था. वह यह देखना चाहता था कि धमकी भरा मेल भेजने के बाद पुलिस उसे ट्रेस कर पाती है या नहीं. अब उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा.
‘जिस घर में कील लगाते जी दुखता था, उसकी दीवारें कभी भी धसक जाती हैं. आंखों के सामने दरार में गाय-गोरू समा गए. बरसात आए तो जमीन के नीचे पानी गड़गड़ाता है. घर में हम बुड्ढा-बुड्ढी ही हैं. गिरे तो यही छत हमारी कबर (कब्र) बन जाएगी.’ जिन पहाड़ों पर चढ़ते हुए दुख की सांस भी फूल जाए, शांतिदेवी वहां टूटे हुए घर को मुकुट की तरह सजाए हैं. आवाज रुआंसी होते-होते संभलती हुई.