
Cabinet Expansion: संगठन के 3 अहम नेता मंत्रिमंडल में, अब BJP में बदलाव की तैयारी!
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कैबिनेट विस्तार में जिन मंत्रियों की कैबिनेट से छुट्टी हुई है, पार्टी नेतृत्व उनमें से कुछ नेताओ को संगठन में जिम्मेदारी दे सकता है. प्रदेशों में कुछ बड़े नेता जो किसी न किसी कारण से नाराज चल रहे हैं, उन्हें भी केंद्रीय संगठन में जगह देकर या बड़ी जिम्मेदारी देकर मनाने की कोशिश की जाएगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपनी कैबिनेट का जम्बो विस्तार किया था. इस कैबिनेट विस्तार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव, उपाध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी और विश्वेश्वर तुडु को भी मंत्रिमंडल में जगह दी गई. इन नेताओं के केंद्र में मंत्री बनने के साथ ही यह साफ हो गया कि सरकार के बाद अब बीजेपी संगठन में भी बड़े बदलाव होंगे.
इंडिगो की फ्लाइट्स लगातार कैंसिल हो रही हैं और सरकार इसकी सख्ती से जांच कर रही है. यात्रियों की समस्या बढ़ने पर सरकार ने इंडिगो के अधिकारियों को तलब किया है और एयरफेयर पर प्राइस कैपिंग लगाई गई है. 500 किलोमीटर तक किराया साढ़े 7 हजार रुपए जबकि लंबी दूरी के लिए अधिकतम अठारह हजार रुपए निर्धारित किए गए हैं. यात्रियों को रिफंड न मिल पाने की शिकायतें भी बढ़ रही हैं. देखें विशेष.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के बड़े ऑपरेशनल संकट के बीच सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि इस मामले में ऐसी कड़ी कार्रवाई होगी जो पूरे एविएशन सेक्टर के लिए मिसाल बनेगी. नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने इंडिगो पर जवाबदेही तय करने की बात कही और पूछा कि 3 दिसंबर से ही इतनी भारी अव्यवस्था क्यों शुरू हुई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि भारत आज वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच स्थिरता और भरोसे का स्तंभ बनकर उभरा है. उन्होंने बताया कि देश की GDP वृद्धि 8 प्रतिशत से अधिक रही है, जबकि सुधार अब दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुरूप किए जा रहे हैं. PM मोदी ने गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलने, पूर्वी भारत और छोटे शहरों में क्षमता बढ़ाने, ऊर्जा और मोबाइल निर्माण जैसे क्षेत्रों में तेजी से हुई प्रगति पर भी जोर दिया.

नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.









