BKU में फूट, टिकैत बोले-किसान हितों के विरोधियों को किया गया बर्खास्त
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भारतीय किसान यूनियन में फूट पर राकेश टिकैत ने कहा कि किसान हितों पर कुठाराघात करते हुए कुछ लोगों ने भारतीय किसान यूनियन से अलग कथित संगठन बनाने की घोषणा की है.
भारतीय किसान यूनियन में फूट हो गई है. नरेश टिकैत और राकेश टिकैत वाली भारतीय किसान यूनियन से जुड़े कई किसान नेताओं ने अलग होकर एक नया संगठन 'भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक' बनाया है. इस पर राकेश टिकैत ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. टिकैत ने इसे लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'किसान हितों पर कुठाराघात करते हुए कुछ लोगों ने भारतीय किसान यूनियन से अलग कथित संगठन बनाने की घोषणा की है. किसान हितों के विरोधी ऐसे तत्वों को तत्काल प्रभाव से बीकेयू से बर्खास्त किया गया है. महेंद्र सिंह टिकैत अमर रहें, किसान एकता जिंदाबाद.'
दरअसल, 15 मई को महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि होती है. पुण्यतिथि पर ही किसान नेताओं ने बगावत का ऐलान कर नए संगठन का ऐलान कर दिया. जिसका नाम भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक रखा गया. राजेश सिंह चौहान को इसका राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया, जबकि राजेंद्र सिंह मलिक को संरक्षक बनाया गया.
इस संगठन में बिंदु कुमार, कुंवर परमार सिंह, बलराम सिंह, नितिन सिरोही, विक्रम सैनी, सुरेंद्र वर्मा, विमल तोमर, योगेश प्रधान, आदर्श चौधरी, धर्मेंद्र सिंह, महेंद्र रंधावा, सुनील सिंह, राज कुमार गौतम, प्रीतम सिंह, राजेंद्र सिंह, दीपक, नीरज बालियान बलबीर सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, शैलू आर्य जैसे कई जाने-माने चेहरे साथ थे.
ये है अलगाव की वजह विधानसभा चुनाव के दौरान राकेश टिकैत के की ओर से किए गए राजनैतिक बयानों की वजह से संगठन में दो फाड़ की बात सामने आई है. अलग संगठन बनाने पर राकेश टिकैत ने कहा, इसके लिए सरकार जिम्मेदार है. उन्होंने कहा, इन सब के पीछे सरकार है और उसी ने सब कुछ करवाया है.
राकेश टिकैत ने कहा, पहले भी हमारे संगठन से कई सारे लोग बाहर जा चुके हैं. उत्तर प्रदेश में ही भारतीय किसान यूनियन से टूटकर 8 से 10 संगठन बन चुके हैं. उन्होंने कहा, जिनकी आस्था नहीं है वह जाने को स्वतंत्र हैं. जिस तरीके से 26, 27 और 28 जनवरी 2021 को लोगों ने सरेंडर किया था उसी तरीके से आज 15 मई को भी चंद लोगों ने सरकार के सामने सरेंडर कर दिया है.
राजेश चौहान ने क्या कहा नए अध्यक्ष राजेश चौहान ने कहा, हमारे नेता महात्मा टिकैत ने कहा था हम अराजनैतिक हैं. किसी भी राजनीतिक गतिविधि में हमारे नेता भाग नहीं लेंगे, लेकिन 13 महीने के आंदोलन के बाद जब 2022 का चुनाव आया तो हमारे नेता राकेश टिकैत जी ने एक दल विशेष का घूम कर प्रचार किया, और एक दल विशेष को टारगेट किया. जो हमारे सिद्धांतों के विपरीत था. हमने टिकैत को फोन करके भी कहा कि यह निर्णय गलत है हम अराजनैतिक लोग हैं. लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं मानी.
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