
'BJP मुख्यालय से आए निर्देश...', दिल्ली विधानसभा में पेश CAG रिपोर्ट का आतिशी ने ऐसे किया बचाव
AajTak
दिल्ली विधानसभा में बीजेपी सरकार द्वारा पेश की गई सीएजी रिपोर्ट ने पुरानी शराब नीति में गड़बड़ियों को उजागर किया. इसमें करोड़ों रुपये के नुकसान की बात कही गई. पूर्व सीएम आतिशी ने नई आबकारी नीति का बचाव किया और केंद्र पर नई नीति के इम्लीमेंटेशन में बाधा डालने का आरोप लगाया.
दिल्ली विधानसभा में बीजेपी की रेखा गुप्ता सरकार ने CAG रिपोर्ट पेश किया और पहले दिन शराब नीति से संबंधित गड़बड़ी वाली रिपोर्ट जारी की गई. इसमें करोड़ों रुपये के नुकसान की बात बताई गई है. पूर्व सीएम आतिशी ने कहा कि दिल्ली विधानसभा में पेश की गई सीएजी की रिपोर्ट में असल में पुरानी शराब नीति को खत्म करने के पूर्व आप सरकार के फैसले की सराहना की गई है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी को दोषी ठहराने वाले लोग सिर्फ 'बीजेपी मुख्यालय से आए निर्देश' पढ़ रहे हैं.
बीजेपी पर दोष मढ़ते हुए आतिशी ने तर्क दिया कि आम आदमी पार्टी की नई आबकारी नीति के तहत निर्धारित हाई रेवेन्यू टार्गेट इसलिए पूरा नहीं हो पाया क्योंकि केंद्र ने इसके इम्लीमेंटेशन में बाधा डाली. इंडिया टुडे से खास बातचीत में आतिशी ने कहा, "नीति के इम्लीमेंटेशन के बीच में ही सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर दी."
यह भी पढ़ें: CAG रिपोर्ट के मुताबिक 2000 करोड़ का हुआ शराब घोटाला, क्या केजरीवाल को होगी जेल?
आतिशी ने कहा, 'नीति ज्यादा ट्रांसपेरेंट थी'
आतिशी ने जोर देकर कहा, "सीएजी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा लाई गई नई नीति ज्यादा ट्रांसपेरेंट थी, इससे शराब की ब्लैक में बिक्री पर रोक लगेगी और इससे सरकार का रेवेन्यू भी बढ़ेगा." उन्होंने कहा कि राज्य के खजाने को हुए भारी नुकसान के लिए उनकी पार्टी को दोषी ठहराने वाले "सिर्फ बीजेपी मुख्यालय या प्रधानमंत्री कार्यालय से आए निर्देशों को ही पढ़ रहे हैं."
पुरानी शराब नीति को खत्म करने का बचाव करते हुए आतिशी ने कहा कि यह जरूरी था क्योंकि इसमें "हेरफेर" किया जा रहा था. उन्होंने कहा, "पुरानी आबकारी नीति में कीमतों में हेराफेरी की जा रही थी. हरियाणा और उत्तर प्रदेश से शराब की खूब कालाबाजारी और तस्करी हो रही थी. इसलिए उस नीति को खत्म करने की जरूरत थी."

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







