Bihar Economy: 15 साल में 10 गुना बढ़ा बिहार का बजट, ग्रोथ में मीलों पीछे छूटे कई इंडस्ट्रियल स्टेट
AajTak
पिछले 15-17 सालों के दौरान बिहार की जीडीपी (Bihar GDP) और बिहार के बजट का साइज करीब 10 गुना हो गया है. इसका श्रेय लगभग 15 साल तक बिहार की सत्ता में रही भाजपा-जदयू गठबंधन (BJP JDU Alliance) के हिस्से जाता है. हालांकि दोनों पार्टियों का यह सालों पुराना गठबंधन अब एक बार फिर से टूट चुका है और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) राजद (RJD) के साथ हाथ मिलाकर नई सरकार का गठन कर चुके हैं.
21वीं सदी को भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के लिहाज से काफी अहम बताया जाता रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ही नहीं बल्कि कई नामचीन अर्थशास्त्री भी कई मौकों पर 21वीं सदी को 'भारत की सदी' बता चुके हैं. इस सदी के अब तक के दो दशक के दौरान आर्थिक मोर्चे पर देश ने बढ़िया परफॉर्म भी किया है. इस दौरान कभी अपराध और भ्रष्टाचार के लिए कुख्यात रहे बिहार ने हैरान करने वाले नतीजे दिए हैं. पिछले 15-17 सालों के दौरान बिहार की जीडीपी (Bihar GDP) और बिहार के बजट का साइज करीब 10 गुना हो गया है. इसका श्रेय लगभग 15 साल तक बिहार की सत्ता में रही भाजपा-जदयू गठबंधन (BJP JDU Alliance) के हिस्से जाता है. हालांकि दोनों पार्टियों का यह सालों पुराना गठबंधन अब एक बार फिर से टूट चुका है और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) राजद (RJD) के साथ हाथ मिलाकर नई सरकार का गठन कर चुके हैं. 2005 से अभी तक दो-तीन साल को छोड़ दें तो बिहार की सत्ता में भागीदार रही भाजपा (BJP) अब मुख्य विपक्ष की भूमिका में जा चुकी है. ऐसे में बिहार की इकोनॉमिक ग्रोथ (Bihar Economic Growth) की रफ्तार पर ब्रेक लगने की आशंका लोगों को सताने लगी है.
2000 में 7 दिन के लिए मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार केंद्र सरकार में कई अहम मंत्रालयों को संभालने के बाद पहली बार साल 2020 में बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि उन्हें तब महज 7 दिनों में ही इस्तीफा देना पड़ गया था. साल 2005 में जब राज्य में विधानसभा का नया चुनाव हुआ, तब भाजपा और जदयू साथ मिलकर उतरी. चुनाव में दोनों पार्टियों का गठबंधन बहुमत जुटाने में सफल रहा और करीब 2 दशक बाद राज्य में सत्ता में परिवर्तन हुआ. उसके बाद से अभी तक नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री के पद पर बने हुए हैं. इस दौरान बीच में कुछ महीने के लिए (मई 2014 से फरवरी 2015) जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री बने थे. 2005 से अभी तक बीच के 2 साल को छोड़कर बिहार की सत्ता भाजपा और जदयू के गठबंधन के पास ही रही है.
10 गुना बढ़ गया जीडीपी का साइज
इस साल पेश बजट के अनुसार, बिहार की जीडीपी के 2021-22 में 7,57,026 करोड़ रुपये पर पहुंच जाने का अनुमान है. साल 2017 में जब आखिरी बार नीतीश कुमार ने भाजपा का दामन थामा था और डबल इंजन की सरकार बनाई थी, उस समय बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद यानी स्टेट जीडीपी (Bihar GSDP) का साइज करीब 4,21,051 करोड़ रुपये था. इसके बाद 2018-19 में बिहार की जीडीपी ने पहली बार 5 लाख करोड़ रुपये का और 2019-20 में 6 लाख करोड़ रुपये के पार निकला. साल 2005 में जब नीतीश कुमार पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तब राज्य की जीडीपी का साइज महज 78,500 करोड़ रुपये था. इस तरह नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार के दौरान बिहार की जीडीपी का साइज लगभग 10 गुना हो गया है.
2000 से 2005 के दौरान सुस्त थी रफ्तार
Petrol-Diesel Prices Today: भारतीय ऑयल मार्केटिंग कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल (Crude Oil) के आधार पर कीमतों की समीक्षा के बाद रोज पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) के दाम तय करती हैं. हालांकि, देश के सभी महानगरों में आज यानी 18 अप्रैल को पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें स्थिर हैं. आइए जानते हैं आपके शहर की कीमतों पर क्या है अपडेट.
Petrol-Diesel Prices Today: भारतीय ऑयल मार्केटिंग कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल (Crude Oil) के आधार पर कीमतों की समीक्षा के बाद रोज पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) के दाम तय करती हैं. हालांकि, देश के सभी महानगरों में आज यानी 17 अप्रैल को पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें स्थिर हैं. आइए जानते हैं आपके शहर की कीमतों पर क्या है अपडेट.