Bhuj The Pride Of India Review: अजय देवगन ने फौजियों के साथ बनाई गोलमाल, देखकर नहीं होगा प्राइड
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भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया को लेकर जितनी भी उम्मीदें थीं उन सभी को यह फिल्म अपनी शुरुआत के 20 मिनट में ही पानी में बहा देती है. फिल्म में ढेरों खामियां हैं, जो इसे देखना आपके लिए हर मिनट के साथ मुश्किल करती है. कहानी के बारे में बात करें तो भुज की शुरुआत में दिए डिस्क्लेमर में साफ कर दिया गया है कि यह फिल्म काल्पनिक है और इसका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है. आगे क्या है इस फिल्म में जानें हमारे रिव्यू में.
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बॉलीवुड हर साल एक से बढ़कर एक फिल्म रिलीज करता है, जिनका इंतजार दर्शकों को बेसब्री से होता है. इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दो फिल्में रिलीज हुई हैं. एक है शेरशाह और दूसरी भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया. शेरशाह का रिव्यू हम आपको पहले ही दे चुके हैं और भुज के बारे में क्या कहा जाए, यह सोचने के लिए मुझे अपने दिमाग पर बहुत जोर डालना पड़ रहा है. तकरीबन दो घंटे की इस फिल्म को देखने के बाद मुझे लग रहा है कि मेरे साथ बहुत बड़ा मजाक हुआ है. सच कहूं तो यह फिल्म ही किसी मजाक से कम नहीं है.More Related News