Bheed Trailer: कोरोना, भूख और लाचारी की भयानक कहानी दिखा रही है राजकुमार राव की फिल्म, रोंगटे खड़े कर देगा ट्रेलर
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डायरेक्टर अनुभव सिन्हा की फिल्म 'भीड़' का टीजर आने के साथ ही फिल्म की चर्चा होने लगी थी. राजकुमार राव, भूमि पेडनेकर स्टारर इस फिल्म में कोविड 19 महामारी के वो दर्दनाक सीन नजर आ रहे हैं जो हम सभी ने उस दौरान खबरों में देखे थे. लाखों लोगों को बेबसी में डाल देने वाली महामारी दिखा रही फिल्म का ट्रेलर बहुत दमदार है.
कोरोना महामारी का प्रकोप देखते हुए जब लॉकडाउन लगाया गया, तो देश भर से कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आईं जिन्हें देखकर आंखें भर आया करती थीं. एक तरफ लोग अपनी जरूरतों का सामान इकठ्ठा करके घरों में कैद हो रहे थे. तो दूसरी तरफ, शहरों शहर की तरह बसाने वाले लाखों भूखे-प्यासे प्रवासी लोग सड़कों पर निकल पड़े थे. उनकी एक ही मंजिल थी- अपना घर.
एक राज्य से दूसरे राज्य को जाते ये लोग राज्यों की सीमाओं पर रोक दिए गए थे. उस दौर में जो तस्वीरें सामने आईं उन्हें देखकर लोग अख़बार पढ़ते, मोबाइल पर वीडियो देखते रो पड़ते थे. अनुभव सिन्हा की फिल्म 'भीड़' में इन्हीं तस्वीरों की, उन्हीं बेबस लोगों की कहानी नजर आ रही है.
एक त्रासदी और बंटवारा 'भीड़' के ट्रेलर में एक पत्रकार का किरदार निभातीं दिख रहीं कृतिका कामरा का एक डायलॉग है- 'मुझे ये इंडिया के पार्टीशन की तरह दिख रहा है. एक दिन अचानक इन लोगों को पता चला कि इनके घर वहां हैं ही नहीं, जहां ये रहते आए हैं.' ये डायलॉग 'भीड़' की कहानी कहने के लिए अनुभव सिन्हा का विजन दिखाता है. 1947 में हुए भारत-पाकिस्तान बंटवारे की भयानक तस्वीरें देश को आज भी भावुक करती हैं. 'भीड़' लॉकडाउन के बाद बने हालात को एक बंटवारे की ही नजर से देख रही है.
एक महामारी का सामना कर रहे दर-ब-दर भटकते लोगों की कहानियां ट्रेलर में दिखती हैं. एक बेटी अपने पिता को बिठाए साइकिल चला रही है. एक आदमी दूध या पेट्रोल जैसे लिक्विड ट्रांसपोर्ट करने के लिए बने टैंकर में छुपकर जा रहा है. एक परिवार सड़क पर अपना सामान ट्रॉली बैग में घसीट रहा है और बैग पर छोटा बच्चा लेटा हुआ है. आशुतोष राणा का किरदार ट्रेलर में बोल रहा है- 'यहां हमारे औकात का बाउंड्री लाइन सेट कर दिया गया है.'
ट्रेलर में न्यूज पढ़ती हुई एक आवाज में 'कोरोना जिहाद' और 'तबलीगी जमात' सुनकर आपको महामारी के दौरान खबरों में रहा एक और मामला याद आएगा. कॉप के रोल में नजर आ रहे राजकुमार राव एक जगह किसी को डंडों से पीट रहे अपने हवलदार पर चिल्ला रहे हैं- 'खाना मांग रहे हैं ये लोग, आपको हत्या का अधिकार नहीं दिया किसी ने.' ये सुनकर लगता है कि बंटवारा करने वाली सबसे गहरी लकीरें नक्शे पर देशों के बीच नहीं खिंची होतीं. लोगों को बांटने वाली सबसे गहरी लकीर भूख होती है.
ब्लैक एंड वाइट फिल्म 'मुल्क' 'आर्टिकल 15 और 'थप्पड़' जैसी दमदार फिल्में बना चुके अनुभव सिन्हा 'भीड़' में भी एक सॉलिड कहानी लेकर आ रहे हैं. फिल्म का ट्रेलर देखते हुए कई जगह आपके रोंगटे खड़े हो सके हैं. लॉकडाउन के दौरान आपने जो सबसे बुरी खबरें सुनी थीं, वो याद आ सकती हैं. इस पूरे हाल को अनुभव सिन्हा ने अपनी फिल्म में एक नए किस्म के बंटवारे के तौर पर देखा है. इसीलिए उन्होंने 'भीड़' को ब्लैक एंड वाइट में शूट किया है.