
85 फीसदी बच्चे हर तीसरे रोज उपवास को मजबूर, भुखमरी से हो रही मौतें, गाजा पट्टी में कैसे हैं बच्चों के हाल?
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इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बीच पिछले अक्टूबर से जंग जारी है. शांति की कई कोशिशें असफल हो चुकीं. इस बीच यूनाइटेड नेशन्स ने डेटा जारी करते हुए बताया कि गाजा पट्टी में हर तीन में से एक बच्चा भुखमरी का शिकार है. हालात यही रहे तो अगले कुछ महीनों के भीतर इस क्षेत्र में खाने की कमी दुनिया में सबसे खतरनाक स्तर पर पहुंच जाएगी.
पिछले अक्टूबर में फिलिस्तीनी आतंकी गुट हमास ने इजरायली सीमा पर हमला कर बारह सौ लोगों को मार दिया, जबकि लगभग ढाई सौ को बंधक बना लिया. वो एक-एक करके अपनी शर्तों के साथ बंधकों को छोड़ रहा है. इस बीच गुस्साई हुई इजरायली सेना ने हमास के हेडक्वार्टर पर हमला बोल दिया, जो कि गाजा पट्टी में है. अब सांप-नेवले की इस लड़ाई में गाजा के फिलिस्तीनी नागरिक, खासकर बच्चों की हालत खराब है. ताजा डेटा बताता है कि वहां हर तीन में से एक बच्चा खाने की एक्सट्रीम कमी से जूझ रहा है.
क्या कहता है डेटा
यूएन का इंटीग्रेटेड फूड सिक्योरिटी फेज (आईपीसी), जो कि ग्लोबल फूड इंसिक्योरिटी को देखता है, के अनुसार, दुनिया में लगभग 166 मिलियन लोग भोजन की तंगी का शिकार हैं. इसमें कई देशों में कम-ज्यादा लोग शामिल हैं, लेकिन दुनिया का एक हिस्सा ऐसा है, जहां लगभग पूरी आबादी ही खाने की तंगी का शिकार है. ये है गाजा पट्टी. इसमें भी एक मिलियन आबादी भुखमरी के सबसे चरम रूप- अकाल से पीड़ित बताई जा रही है. इसमें भी ज्यादातर बच्चे हैं.
युद्ध या गृहयुद्ध से जूझते देशों में स्थिति बेकाबू आईपीसी ने भुखमरी में जितने ही देशों को शामिल किया, उनमें ज्यादातर ऐसे हैं, जहां लड़ाई चल रही है, फिर चाहे वो सीमा-पार वाली जंग हो, या देश की भीतरी उठापटक. गाजा के अलावा इनमें साउथ सूडान, माली, नाइजीरिया और कांगो जैसे नाम शामिल हैं, जहां हालात ज्यादा खराब हैं. गाजा कुछ ही महीनों पहले इसमें शामिल हुआ और सबसे ऊपर चला गया.
पेरेंट्स के सामने भूख से दम तोड़ रहे बच्चे

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