
7 हजार मीटर से ज्यादा पर्वत चढ़ने वालों को ही परमिशन, नॉन-रिफंडेबल गारबेज फीस... नेपाल लाएगा एवरेस्ट पर चढ़ाई के सख्त नियम
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नेपाल की संसद के ऊपरी सदन में हाल ही में पेश किए गए 'इंटीग्रेटेड टूरिज्म बिल' के अनुसार एवरेस्ट (8,848.86 मीटर) पर चढ़ने के लिए अब पहले खुद को साबित करना अनिवार्य होगा. इस बिल में कई कड़े प्रावधान हैं. जैसे पर्वतारोही को 7000 मीटर से ऊपर की चढ़ाई का प्रमाण देना होगा. साथ ही हर पर्वतारोही को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त मेडिकल संस्थान से चढ़ाई से एक महीने के भीतर जारी मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होगा.
दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर अब कोई भी पर्वतारोही यूं ही नहीं चढ़ पाएगा. नेपाल सरकार ने एक नया मसौदा कानून पेश किया है, जिसके तहत केवल वही पर्वतारोही एवरेस्ट पर चढ़ाई कर सकेंगे, जिन्होंने पहले कम से कम 7,000 मीटर से ऊंचा कोई पर्वत सफलतापूर्वक फतह किया हो.
क्या है प्रस्तावित नियम? नेपाल की संसद के ऊपरी सदन में हाल ही में पेश किए गए 'इंटीग्रेटेड टूरिज्म बिल' के अनुसार एवरेस्ट (8,848.86 मीटर) पर चढ़ने के लिए अब पहले खुद को साबित करना अनिवार्य होगा. इस बिल में कई कड़े प्रावधान हैं.
- पर्वतारोही को 7000 मीटर से ऊपर की चढ़ाई का प्रमाण देना होगा.
- हर पर्वतारोही को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त मेडिकल संस्थान से चढ़ाई से एक महीने के भीतर जारी मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होगा.
- स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों को चढ़ाई की अनुमति नहीं दी जाएगी.
- वर्तमान 4000 डॉलर के रिफंडेबल कचरा जमा शुल्क को अब नॉन-रिफंडेबल कचरा शुल्क में बदला जाएगा.

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