
550 साल पुराना रिश्ता... जानें काले हिरण को क्यों इतना मानता है बिश्नोई समाज
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सिर्फ काले हिरण और चिंकारा ही नहीं, यह समुदाय शिकारियों और लकड़हारों से वन्यजीवों और वनस्पतियों की रक्षा के लिए जाना जाता है. बिश्नोई समुदाय के लिए यह 550 साल पुराना रिश्ता है. बिश्नोई लोककथाओं में ऐसा माना जाता है कि जांबाजी ने अपने अनुयायियों को काले हिरण को अपना अवतार मानकर उसका आदर करने का निर्देश दिया था.
1998 में मारे गए दो काले हिरणों का मामला एक फिर से अभिनेता सलमान खान को परेशान कर रहा है. एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या और सलमान खान को लगातारल मिलने वाली धमकियों ने एक बार फिर काले हिरणों की हत्या से जुड़े लंबे समय से चले आ रहे विवाद को उजागर कर दिया है.
1998 में, अभिनेता सलमान खान पर अन्य लोगों के साथ जोधपुर के पास 'हम साथ साथ हैं' फिल्म की शूटिंग के दौरान दो काले हिरणों का शिकार करने और उन्हें मारने का आरोप लगाया गया था. इस घटना से बिश्नोई समुदाय में व्यापक रोष फैल गया, जो काले हिरणों की पूजा करते हैं और समुदाय के सदस्यों ने सलमान खान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था.
दूसरी ओर, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, जो शायद तब पांच साल से ज़्यादा का नहीं रहा होगा, ने सलमान खान से बदला लेने की कसम खाई. इस बात पर बहस हो सकती है कि क्या काले हिरण की हत्या सलमान के प्रति लॉरेंस की दुश्मनी का मूल कारण है या गैंगस्टर इस दिखावे के ज़रिए अपनी छवि बनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन सच्चाई यह है कि बिश्नोई समुदाय का काले हिरणों और चिंकाराओं से गहरा रिश्ता है.
सिर्फ काले हिरण और चिंकारा ही नहीं, यह समुदाय शिकारियों और लकड़हारों से वन्यजीवों और वनस्पतियों की रक्षा के लिए जाना जाता है. बिश्नोई समुदाय के लिए यह 550 साल पुराना रिश्ता है.
बिश्नोई समुदाय के लिए काले हिरणों की रक्षा करना आस्था का विषय क्यों?
बिश्नोई समुदाय, जिसकी स्थापना गुरु जम्भेश्वर (जिन्हें जंबाजी के नाम से भी जाना जाता है) ने 15वीं शताब्दी के आसपास की थी, जो 29 सिद्धांतों द्वारा निर्देशित है. उनकी शिक्षाएं वन्यजीवों और वनस्पतियों की सुरक्षा और संरक्षण पर जोर देती हैं. बिश्नोई दर्शन के मूल सिद्धांतों में से एक है काले हिरण की पूजा उनके आध्यात्मिक गुरु जम्भेश्वर के पुनर्जन्म के रूप में करना.

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