25 अप्रैल से मिल रही विदेशी मदद, 2 मई को बनी SoP... क्या हम ऐसे लड़ेंगे कोरोना से
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विदेशों से चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप 25 अप्रैल को सिंगापुर से भारत पहुंची. तब से ऑक्सीजन जनरेटर, कंसंट्रेटर्स और वेंटिलेटर के रूप में विदेशी सहायता आ रही है, लेकिन इनके वितरण की एसओपी 2 मई को बनी है.
भारत में कोरोना का ग्राफ क्या बढ़ा, हर तरफ अस्पतालों में बेड से लेकर ऑक्सीजन और दवाइयों की किल्लत होन लगी. अस्पताल से लेकर श्मशान-कब्रिस्तान तक फुल हो गए. भारत में आई इस त्रासदी को देखते हुए अमेरिका समेत कई देशों ने मदद का हाथ बढ़ाया. अब तक 40 देशों से भारत को मदद मिल चुकी है. विदेशी देशों से चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप 25 अप्रैल को सिंगापुर से भारत पहुंची. तब से ऑक्सीजन जनरेटर, कंसंट्रेटर्स और वेंटिलेटर के रूप में विदेशी सहायता आ रही है. पिछले एक सप्ताह में विदेश मंत्रालय (एमईए) के अधिकारियों को कई टन ऑक्सीजन मिले हैं, जिससे भारत में कई जिंदगियां बचाई जा रही हैं.More Related News
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.