20वें इंडियन टेलीविजन एकेडमी अवार्ड्स में इंडिया टुडे ग्रुप ने फिर से मारी बाजी
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आजतक भारत का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला और भरोसेमंद हिन्दी न्यूज चैनल है, जिसे आईटीए अवार्ड्स के पिछले 20 संस्करणों में 19 बार पॉपुलर हिन्दी न्यूज चैनल अवार्ड मिला है. वहीं, इंडिया टुडे टीवी देश का अग्रणी अंग्रेजी न्यूज चैनल है, जिसे आईटीए अवार्ड्स में यह सम्मान चौथी बार मिला है.
इंडियन टेलीविजन एकेडमी (आईटीए) अवार्ड्स के 20वें संस्करण में इंडिया टुडे ग्रुप एक बार फिर विजेता बनकर उभरा है. आजतक को पॉपुलर न्यूज चैनल-हिन्दी और इंडिया टुडे टीवी को पॉपुलर न्यूज चैनल–इंग्लिश का अवार्ड मिला है. चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी को हॉल ऑफ फेम अवार्ड से सम्मानित किया गया. इस प्रकार टेलीविजन समाचार की पत्रकारिता में ग्रुप की अग्रणी स्थिति निर्विवाद रही है. आजतक भारत का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला और भरोसेमंद हिन्दी न्यूज चैनल है, जिसे आईटीए अवार्ड्स के पिछले 20 संस्करणों में 19 बार पॉपुलर हिन्दी न्यूज चैनल अवार्ड मिला है. आजतक और जमीनी स्तर पर रिपोर्टिंग करने वाले उसके बहादुर पत्रकारों ने अपने दर्शकों को सबसे आगे रखकर हर बड़ी घटना की जानकारी दी है. सच और भरोसेमंद पत्रकारिता की लगन के कारण इस चैनल ने पिछले दो दशकों में कई सम्मान जीते हैं.जर्मनी से 35 दिन बाद वापस लौटने पर जेडीएस के निष्कासित सांसद रेवन्ना को बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया था. कर्नाटक पुलिस की एसआईटी ने कोर्ट से रेवन्ना की 14 दिनों की कस्टडी की मांग की थी. दोनों पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी दलीलें दी गईं. लंबी-चौड़ी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने रेवन्ना को 6 जून तक SIT हिरासत में भेज दिया है.
असम में चक्रवात रेमल के बाद लगातार बारिश के कारण 9 जिलों में बाढ़ की स्थिति से दो लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. 28 मई से राज्य में बाढ़, बारिश और तूफान में कुल मिलाकर छह लोगों की मौत हो गई है. वहीं मणिपुर का राजभवन भी बाढ़ के पानी से लबालब हो चुका है. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि चक्रवात रेमल के बाद पिछले कुछ दिनों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण मणिपुर के राजभवन में जलभराव हो गया है.
बार और रेस्टोरेंट्स की ओर से पेश वकील वीना थडानी ने तत्काल सुनवाई के लिए याचिकाओं का उल्लेख किया और कहा कि पुणे में हुई घटना के बाद से कुछ दस्तावेज प्रस्तुत न करने जैसे मामूली मुद्दों पर बार और रेस्टोरेंट्स के लाइसेंस निलंबित किए जा रहे हैं. थडानी ने कहा कि इन प्रतिष्ठानों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
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