
'2 दिन में पूरा हो जाएगा रेस्क्यू ऑपरेशन', तेलंगाना टनल हादसे पर बोली सरकार, फंसे हुए 8 लोगों की उम्मीद बरकरार
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सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने बताया कि टनल बोरिंग मशीन (TBM) जो कीचड़ में फंसी हुई है, वहां तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक रास्तों की भी तलाश की जा रही है, ताकि बचाव कार्य तेजी से हो सके. उन्होंने कहा कि कीचड़ और पानी की भारी मात्रा के कारण टीबीएम तक पहुंचना मुश्किल हो गया है. इसे देखते हुए अत्याधुनिक मशीनों से पानी निकालने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है.
तेलंगाना में SLBC टनल ढहने के 4 दिन बाद भी 8 लोग फंसे हुए हैं. इस बीच तेलंगाना सरकार ने भरोसा दिलाया कि अगले 2 दिनों में बचाव अभियान पूरा कर लिया जाएगा. तेलंगाना के सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने बताया कि बचाव दल अब टनल में जमे कीचड़ में अंदर जाकर फंसे हुए लोगों की तलाश करेगा. उन्होंने स्वीकार किया कि मंगलवार को बचावकर्मियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अभियान की गति धीमी कर दी गई थी. उन्होंने कहा कि आज सभी अधिकारियों- एनडीआरएफ, सेना, एसडीआरएफ, जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के साथ बैठक कर हमने ठोस कार्ययोजना बनाई है. अब हम कीचड़ के अंदर जाकर आगे बढ़ेंगे और उम्मीद है कि 2 दिन के भीतर पूरे अभियान को पूरा कर लेंगे.
पीटीआई के मुताबिक सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने बताया कि टनल बोरिंग मशीन (TBM) जो कीचड़ में फंसी हुई है, वहां तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक रास्तों की भी तलाश की जा रही है, ताकि बचाव कार्य तेजी से हो सके. उन्होंने कहा कि कीचड़ और पानी की भारी मात्रा के कारण टीबीएम तक पहुंचना मुश्किल हो गया है. इसे देखते हुए अत्याधुनिक मशीनों से पानी निकालने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. मंत्री ने बताया कि टनल की संरचनात्मक स्थिरता को जांचने के लिए उन्नत इमेजिंग सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है. इससे बचावकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और वे बिना किसी जोखिम के आगे बढ़ सकेंगे.
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को बुलाया गया
रेड्डी ने कहा कि टीबीएम को गैस कटर से काटकर हटाया जाएगा, ताकि सेना, नौसेना, रैट माइन्स विशेषज्ञ और एनडीआरएफ की टीम बिना किसी जोखिम के आठ फंसे हुए लोगों को बचाने का प्रयास कर सके. रेड्डी ने बताया कि सीमा क्षेत्रों में सुरंग बनाने के विशेषज्ञों, सेवानिवृत्त सेना अधिकारियों और उन लोगों को बुलाया गया है, जिन्होंने अन्य सुरंग हादसों में बचाव कार्य किए थे. उन्होंने कहा कि सरकार भारतीय नौसेना की MARCOS टीम और सीमा सड़क संगठन (BRO) की मदद भी ले रही है.
अब भी बचाव की उम्मीद
जब मंत्री से पूछा गया कि क्या उन्हें अभी भी फंसे हुए लोगों के जीवित होने की उम्मीद है, तो उन्होंने कहा कि हमने पूरी तरह से उम्मीद नहीं छोड़ी है, हम उन्हें बचाने और सुरक्षित निकालने के इरादे से काम कर रहे हैं.

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