
14 राज्यों में 23 डिप्टी सीएम... संविधान में नहीं है पद, फिर भी कैसे नेता बन जाते हैं सरकार में नंबर-2?
AajTak
देशभर के 14 राज्यो में 23 डिप्टी सीएम हैं. हाल के समय में जितने भी राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए हैं, सब जगह डिप्टी सीएम बनाए गए हैं. ओडिशा में दो और आंध्र में एक डिप्टी सीएम है. जबकि, डिप्टी सीएम के पद का जिक्र संविधान में कहीं नहीं है. ऐसे में जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी सीएम के पद को असंवैधानिक क्यों नहीं माना था?
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के बाद अब ओडिशा में भी बीजेपी ने सरकार बनाने का फॉर्मूला रिपीट किया है. तीन राज्यों के बाद ओडिशा में भी अब मुख्यमंत्री के साथ-साथ दो डिप्टी सीएम रहेंगे. ओडिशा में मोहन माझी मुख्यमंत्री होंगे. जबकि, केवी सिंह देव और प्रवती परिदा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है.
इससे पहले पिछले साल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सरकार बनने पर भी बीजेपी ने दो-दो डिप्टी सीएम बनाए थे. बिहार में नीतीश कुमार के साथ आने के बाद जब एनडीए की सरकार बनी तो इसमें भी दो डिप्टी सीएम बीजेपी से बने थे. महाराष्ट्र में भी ऐसा ही है और वहां भी दो-दो डिप्टी सीएम हैं.
आंध्र प्रदेश में भी चंद्रबाबू नायडू की सरकार में जनसेना पार्टी के चीफ पवन कल्याण डिप्टी सीएम बनाए गए हैं. पिछली जगन मोहन रेड्डी की सरकार में आंध्र में पांच डिप्टी सीएम थे.
किन-किन राज्यों में डिप्टी सीएम?
इस समय देश के 14 राज्यों में 23 डिप्टी सीएम हैं. पांच राज्यों- आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में एक-एक डिप्टी सीएम हैं.
बाकी बचे 9 राज्यों- बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में दो-दो डिप्टी सीएम हैं. 15 डिप्टी सीएम बीजेपी, 3 कांग्रेस और 5 अन्य पार्टियों से हैं.

नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.

लोकसभा में शुक्रवार को कई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए गए, जिनमें सुप्रिया सुले का राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 शामिल है, जो कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाद काम से जुड़े कॉल और ईमेल से मुक्त रहने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है. कांग्रेस सांसद कडियम काव्या का मेनस्ट्रुअल बेनिफिट्स बिल, 2024 और लोजपा सांसद शंभवी चौधरी का बिल महिलाओं और छात्राओं के लिए पेड पीरियड लीव सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.

दिल्ली के टिकरी कलां में एक किराना दुकान में आग लगने से पति-पत्नी की दम घुटने से मौत हो गई. दुकान के अंदर धुआं भरने के बीच करंट लगने के कारण शटर नहीं खुल पाया और दोनों बाहर नहीं निकल सके. पुलिस ने बताया कि आग शॉप काउंटर में शॉर्ट सर्किट से लगी, जिससे प्लास्टिक सामग्री ने आग पकड़ ली और धुआं तेजी से फैल गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इंडिगो संचालन संकट के कारण कई उड़ानें रद्द होने और क्षमता घटने से अचानक बढ़े किरायों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने घरेलू उड़ानों पर अधिकतम किराया सीमा लागू कर दी है, जिसके तहत 500 किमी तक 7,500 रुपये, 500–1000 किमी के लिए 12,000 रुपये, 1000–1500 किमी के लिए 15,000 रुपये और 1500 किमी से अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपये से ज्यादा किराया नहीं लिया जा सकेगा.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि सभी लंबित रिफंड 7 दिसंबर रात 8 बजे तक बिना देरी पूरी तरह लौटा दिए जाएं और रद्द हुई उड़ानों से प्रभावित यात्रियों से कोई री-शेड्यूलिंग शुल्क न लिया जाए. मंत्रालय ने स्पेशल पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड सेल बनाने, प्रभावित यात्रियों से खुद संपर्क करने और ऑटोमेटिक रिफंड सिस्टम जारी रखने को कहा है.

श्रीनगर इन दिनों एक ब्लैक बियर से परेशान है. कभी NIT कैंपस, कभी कश्मीर यूनिवर्सिटी, तो कभी SKIMS... अब यह भालू निगीन झील के आसपास घूमता दिखा है. विभाग ने शहरभर में बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया है, जिसमें ड्रोन, ट्रैंक्विलाइजर गन, रैपिड-रिस्पॉन्स टीमें और एंबुलेंस तैनात हैं. अधिकारियों ने कहा है कि बाहर केवल जरूरत होने पर ही निकलें.

इंडिगो के ऑपरेशनल संकट का असर 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ. देश के कई बड़े एयरपोट्स पर आज सैकड़ों उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिससे हजारों यात्री परेशान देखे गए. कई एयरपोर्ट पर यात्रियों को घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ा. कुछ जगह इंडिगो के काउंटर्स पर सहयोग ना करने की शिकायतें सामने आईं. कंपनी लगातार शेड्यूल में बड़े बदलाव कर रही है. अब तक 11 बड़े एयरपोर्ट्स पर कुल 571 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं.






