
13 फीसदी वोट स्विंग, 72 सीटों के लिए BJP की खास रणनीति... वो पैरामीटर जो पूरा करा सकते हैं 400 पार का सपना!
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लोकसभा चुनाव करीब हैं और सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की अगुवाई कर रही बीजेपी ने 'अबकी बार 400 पार' का नारा दे दिया है. बीजेपी ने 400 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित तो कर लिया है लेकिन इसमें कितना दम है और पार्टी इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए क्या कर रही है?
लोकसभा चुनाव की घड़ी अब करीब आ गई है और सियासी दलों ने रणनीति का ताना-बाना बुनना शुरू कर दिया है. राजनीतिक दलों का फोकस संगठन से लेकर गठबंधन तक है और चुनावी नारे भी अब गढ़े जाने लगे हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 'तीसरी बार मोदी सरकार, अबकी बार 400 पार' नारा दे भी दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी जनसभाओं में बीजेपी को 370 और एनडीए को 400 से अधिक सीटें देने की अपील कर रहे हैं.
बीजेपी ने 400 सीटें जीतने का लक्ष्य तय कर तैयारी भी शुरू कर दी है. अब चर्चा बीजेपी के इस लक्ष्य को लेकर हो रही है कि इसमें कितना दम है? यह नारा महज नारा भर है या साकार रूप भी ले सकता है? अगर बीजेपी इस लक्ष्य तक पहुंच सकती है तो कैसे? इसकी बात से पहले इस लक्ष्य की पृष्ठभूमि की चर्चा भी जरूरी है.
दरअसल, बीजेपी के लक्ष्य के पीछे 1984 के चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन को आधार माना जा रहा है. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए तब के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 414 सीटों पर जीत मिली थी. तब कुल 38 करोड़ वोटर थे जिनमें से 24 करोड़ ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था और कांग्रेस को करीब 50 फीसदी यानी करीब 12 करोड़ वोट मिले थे. यह आजाद भारत के इतिहास में किसी लोकसभा चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
अब बीजेपी ने 2024 के चुनाव में अकेले दम 370 सीटें जीतने और एनडीए की सीटों का आंकड़ा 400 पार पहुंचाने का लक्ष्य रखा है तो उसके अपने कैलकुलेशन भी हैं. बीजेपी यह समझ रही है कि अगर उसे लक्ष्य तक पहुंचना है तो उसे करीब 50 फीसदी वोट शेयर तक भी पहुंचना होगा. अब बीजेपी के नजरिए से देखें तो बीजेपी का वोट शेयर और सीटें, चुनाव दर चुनाव बढ़ती ही नजर आई हैं. साल 2009 के आम चुनाव के बाद के आंकड़े इसकी गवाही भी देते हैं.
साल 2009 में 18.8 फीसदी वोट शेयर के साथ 116 सीटें जीतने वाली बीजेपी ने 2014 में 31.34 फीसदी वोट शेयर के साथ 282 सीटें जीत अकेले दम पूर्ण बहुमत के लिए जरूरी 273 लोकसभा सीटों का आंकड़ा पार कर लिया. 2019 में बतौर सत्ताधारी दल उतरी बीजेपी का वोट शेयर 37.7 फीसदी वोट शेयर के साथ 303 सीटों तक जा पहुंचा. इसके ठीक उलट कांग्रेस का वोट शेयर 1984 के बाद 2014 तक गिरता ही चला गया. 2019 में पार्टी का वोट शेयर बढ़ा तो लेकिन पॉइंट टू फीसदी.
लक्ष्य तक कैसे पहुंच सकती है बीजेपी

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