'हेमंत करकरे की जान कसाब की बंदूक से निकली गोली से नहीं गई', कांग्रेस नेता के बयान पर हंगामा, BJP बोली- वोट बैंक के लिए किसी भी हद तक गिर सकते हैं
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महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार ने मुंबई उत्तर मध्य लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार और सरकारी वकील उज्ज्वल निकम को देशद्रोही कहा है. वडेट्टीवार ने दावा किया है की, मुंबई पुलिस के अधिकारी हेमंत करकरे की हत्या जिस गोली से हुई थी वह गोली कसाब के बंदूक से नही बल्कि एक पुलिस अधिकारी के बंदूक से चली थी.
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार के एक बयान से राज्य की सियासत में हंगामा मचा हुआ है. विजय वडेट्टीवार ने दावा किया कि राज्य के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के पूर्व प्रमुख आईपीएस हेमंत करकरे को 2008 के मुंबई हमलों के दौरान पाकिस्तानी आतंकवादियों ने नहीं मारा था. उन्होंने कहा है कि आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे की हत्या जिस गोली से हुई वह कसाब या आतंकियों की तरफ से नहीं चली थी बल्कि 'आरएसएस को समर्पित' एक पुलिस अधिकारी के हथियार से चली थी.
विजय वडेट्टीवार ने कहा, 'बिरयानी का मुद्दा उठाकर निकम ने कांग्रेस को बदनाम किया. क्या कोई कसाब को बिरयानी देगा? बाद में उज्ज्वल निकम ने इसे स्वीकार कर लिया, कैसा वकील है, गद्दार है जिसने कोर्ट में गवाही ही नहीं दी.जिस गोली से मुंबई पुलिस के अधिकारी हेमंत करकरे की मौत हुई वह कसाब की बन्दूक से नहीं, उस समय आरएसएस के वफादार पुलिस अधिकारी की गोली से चली थी, अगर कोर्ट से यह सच छुपाने वाले गद्दार को बीजेपी टिकट दे रही है तो सवाल उठता है कि बीजेपी इन गद्दारों का समर्थन क्यों कर रही है.'
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अपने बयान पर कायम हैं वडेट्टीवार
मामले ने तूल पकड़ा तो वडेट्टीवार ने अपने बयान पर सफाई दी और कहा, 'हेमंत करकेरे की हत्या आतंकियों की गोली से नहीं हुई है यह बात पुलिस अफसर एस एम मुश्रीफ की किताब में लिखी गई है. इस बात को उज्ज्वल निकम सामने क्यों नहीं लाए. पुलिस अफसर, एस एम मुश्रीफ (समशुद्दीन मुश्रीफ ) ने अपनी किताब मे लिखा है कि हेमंत करकरे की गोली से उनकी हत्या हुई है वह गोली अतिरेकों (आतंकियों) की नहीं है...अजमल कसाब को फांसी देने की बड़ी बात नहीं है कोई भी सामान्य वकील और बेलआउट करने वाला वकील भी यह काम सकता था.
बीजेपी हुई हमलावर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ये स्पष्ट करते हुए कि उनके सुझाव का मतलब यह नहीं है कि भारत ने चीन के साथ व्यापार से इनकार किया है, लेकिन ऐसी स्थिति में भारतीय व्यवसायों को राष्ट्रीय सुरक्षा संवेदनशीलताओं का ध्यान रखना चाहिए. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों को दांव पर लगाकर किसी देश के साथ व्यापार को प्राथमिकता नहीं देगा.