
हिजाब पर बवाल, महसा अमिनी की मौत और कोड़े वाली सजा... 1979 की क्रांति के बाद से महिलाओं-पुरूषों के ड्रेस की जांच करने वाली ईरान की मॉरैलिटी पुलिस की विवादों भरी हिस्ट्री
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मॉरैलिटी पुलिस के प्रमुख कर्नल अहमद मिरजाई को इन विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर दो दिन पहले ही सस्पेंड कर दिया गया है. ईरान की मॉरैलिटी पुलिस को औपचारिक रूप से गश्त-ए-इरशाद या गाइडेंस पेट्रोल के नाम से भी जाना जाता है. इसी पुलिस ने महसा अमीनी को बीते सितंबर में ईरान के सख्त ड्रेस के कोड के उल्लंघन और अनुचित तरीके से हिजाब पहनने के आरोप में गिरफ्तार किया था, जिसकी तीन बाद हिरासत में ही मौत हो गई थी.
ईरान में इस साल सितंबर में 22 साल की महसा अमीनी को सही तरीके से हिजाब नहीं पहनने के आरोप में मॉरैलिटी पुलिस ने गिरफ्तार किया था. बाद में पुलिस हिरासत में अमीनी की मौत के बाद हो गई थी. अमीनी की मौत के बाद मॉरैलिटी पुलिस चर्चा में आई. अमीनी की मौत का आरोप इसी पुलिस पर लगा. आलम यह था कि हिजाब और मॉरैलिटी पुलिस के विरोध में महिलाएं सड़कों पर उतर आईं और इसे भंग करने की मांग करने लगी. महिलाओं के इस आंदोलन ने ईरान सरकार को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया, जिसका नतीजा यह रहा कि मॉरैलिटी पुलिस को भंग कर दिया गया है.
मॉरैलिटी पुलिस के प्रमुख कर्नल अहमद मिरजाई को इन विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर दो दिन पहले ही सस्पेंड कर दिया गया है. ईरान की मॉरैलिटी पुलिस को औपचारिक रूप से गश्त-ए-इरशाद या गाइडेंस पेट्रोल के नाम से भी जाना जाता है. इसी पुलिस ने महसा अमीनी को बीते सितंबर में ईरान के सख्त ड्रेस के कोड के उल्लंघन और अनुचित तरीके से हिजाब पहनने के आरोप में गिरफ्तार किया था, जिसकी तीन बाद हिरासत में ही मौत हो गई थी. इस इकाई की 2006 में स्थापना की गई थी.
क्या है मॉरैलिटी पुलिस
ईरान की मॉरैलिटी पुलिस देश की पुलिस व्यवस्था का ही हिस्सा है, जो देश में इस्लामिक कानूनों और डेस कोड को लागू करना सुनिश्चित करती है. इसे BASIJ भी कहा जाता है. यह दरअसल उन लोगों का समूह है, जो ईरान की सरकार के प्रति वफादार है और खुद को अर्धसैनिकबलों की तरह पेश करता है. ईरान में बासिज पिछले दो दशकों से सरकार के खिलाफ किसी भी असंतोष को खत्म करने में अहम भूमिका निभाता रहा है.
ईरान में 1995 में ऐसा कानून बनाया गया, जिसके तहत अफसरों को 60 साल तक की औरतों को बिना हिजाब निकलने पर जेल में डालने का अधिकार है. इतना ही नहीं, ईरान में हिजाब न पहनने पर 74 कोड़े मारने से लेकर 16 साल की जेल तक की सजा हो सकती है.
ईरानी यूनिवर्सिटीज में मॉरैलिटी पुलिस की तैनाती

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