'हमें कम आंकना आग से खेलने जैसा' चीन ने युद्धाभ्यास के आखिरी दिन झोंकी ताकत, अमेरिका को भी दी चेतावनी
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चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा कि चीन और अमेरिका के रिश्ते वन चाइना पॉलिसी पर आधारित हैं. जब ये आधार टूटेगा तो पृथ्वी कांप जाएगी और पहाड़ हिलने लगेंगे. ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, चीन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए डटकर सामना करेगा.
अमेरिकी सीनेट की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा पर चीन भड़का हुआ है. इस यात्रा के खिलाफ चीन ने ताइवान की सीमा से लगे इलाकों में युद्धाभ्यास किया. युद्धाभ्यास के चौथे दिन चीनी सेना ने एक फिर अपनी ताकत का प्रदर्शन कर तनाव को जारी रखा. अभ्यास के चौथे दिन चीनी सेना के लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया. उधर, चीन ने ताइवान को लेकर अमेरिका को एक बार फिर चेतावनी दी है.
चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने अपने संपादकीय में लिखा कि चीन और अमेरिका के रिश्ते वन चाइना पॉलिसी पर आधारित हैं. जब ये आधार टूटेगा तो पृथ्वी कांप जाएगी और पहाड़ हिलने लगेंगे.
ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा, पिछले कुछ दिनों से अमेरिका और उसके कुछ सहयोगी ने अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के गंभीर परिणामों पर श्वेत और अश्वेतों को गुमराह किया. इन देशों ने चीन पर सैन्य अभ्यास और प्रशिक्षण गतिविधियों को गलत फैसलों से जोखिम बढ़ाने का आरोप लगाया साथ ही चीन के जवाबी कदमों को गैर-जिम्मेदार कदम बताया.
ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा, उनके ऐसे बयान मानो वे दुनिया की पुलिस हों. न सिर्फ चीन बल्कि दुनिया के तमाम देशों के लोगों ने देखा है कि कैसे अमेरिका ने एक के बाद एक संकट पैदा किए और बाद में पीड़ित पर ही दोष मढ़ दिया. मौजूदा हालाक के लिए पेलोसी और अमेरिका के नेता जिम्मेदार हैं.
चीनी सरकार के मुखपत्र के मुताबिक, चीन ने पेलोसी की ताइवान यात्रा की गंभीरता और खतरे के बारे में अमेरिका को बार-बार चेतावनी दी है. साथ ही चीन ने पहले भी अत्यधिक कूटनीतिक प्रयास किए हैं. लेकिन अमेरिका ने बात नहीं मानी और अपने तरीके से चला गया. इतना ही नहीं जानबूझकर चीन को नजरअंदाज भी कर दिया. ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, अब वे (अमेरिका) चीन के बारे में दुर्भावनापूर्ण रूप से शिकायत करके जनता की राय में हेरफेर कर रहे हैं. क्या यह कदम चीन के दृढ़ संकल्प और इच्छा को कम आंकने जैसा नहीं है.
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, उदाहरण के लिए अमेरिका चीन पर क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को कम करने और सैन्य धमकी के आधार पर ताइवान की स्थिति में बदलाव का आरोप लगा रहा है. अमेरिका ने अपने जबरन तर्क को पूरी तरह से लागू कर दिया है.