सोशल मीडिया पर भौकाल, बॉक्स ऑफिस पर निढाल, कैसे अपने ही सिस्टम का शिकार हो रहा बॉलीवुड
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लॉकडाउन के बाद से थिएटर्स में बॉलीवुड फिल्मों का हाल बहुत बुरा रहा. जनवरी में रिलीज हुई शाहरुख खान की 'पठान' ने रिकॉर्ड कमाई से इस ट्रेंड को पलटा तो लगा कि अब सब ठीक है. मगर अब दो ऐसी फिल्में फ्लॉप हो चुकी हैं, जिनके हिट होने की पूरी उम्मीद थी. क्या बॉलीवुड के ही सिस्टम में आई कोई गड़बड़ी इसकी वजह है?
शाहरुख खान की 'कमबैक' फिल्म कही जा रही 'पठान' ने बॉलीवुड को लंबे समय बाद बॉक्स ऑफिस पर हरियाली दिखाई. इंडिया में 500 करोड़ रुपये से ज्यादा कलेक्शन के साथ बॉलीवुड की सबसे कामयाब फिल्म बन चुकी 'पठान' ने इंडस्ट्री के चेहरों को खोयी हुई मुस्कराहट वापस लौटाई है. लॉकडाउन के बाद से ही बॉलीवुड फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर जनता का प्यार पाने के लिए बहुत जूझना पड़ा है. मगर 'पठान' पर ये प्यार ऐसी बारिश बनकर बरसा कि बॉक्स ऑफिस पर कमाई की बाढ़ आ गई.
पिछले कुछ समय में साउथ में बनीं 'कांतारा' और 'कार्तिकेय 2' जैसी फिल्मों ने हिंदी में शानदार बिजनेस किया. ये वे फिल्में हैं जिनके हीरो का चेहरा हिंदी ऑडियंस ने पहले नहीं देखा था. दूसरी ओर, हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में बनी 'सम्राट पृथ्वीराज' और 'सर्कस' जैसी फिल्में फ्लॉप हो गईं, जो आज से कुछ ही साल पहले सिर्फ अपने हीरो के चेहरे पर हिट हो जातीं.
'पठान' के हिट होते ही ऐसा माहौल बना जैसे अब इंडस्ट्री पटरी पर लौट आई है. यूं लगा जैसे 2018-19 की तरह, फिल्मों का 100 करोड़ कमा लेना फिर से आम बात हो जाएगी. लेकिन तभी कहानी में ट्विस्ट आ गया. 'पठान' के बाद रिलीज हुईं दो फिल्में कार्तिक आर्यन की 'शहजादा' और अक्षय कुमार, इमरान हाशमी स्टारर 'सेल्फी' बॉक्स ऑफिस पर हांफ रही हैं, पानी मांग रही हैं. यानी सबकुछ अभी ठीक तो नहीं ही हुआ है. तो फिर गड़बड़ कहां है?
प्रमोशन के पुराने उबाऊ तरीके फिल्मों की कमाई में फिल्म प्रमोशन का बहुत बड़ा हाथ होता है. प्रमोशन के लिए हमेशा से एक तरीका खूब चलता रहा है. किसी भी फिल्म के स्टार्स अलग-अलग शहरों में टूर करते हैं. एक बड़ा सा इवेंट होता है, जिसमें खूब भीड़ उमड़ती है. लोग स्टार्स को देखते हैं, उनके साथ फोटो क्लिक करवाते हैं, नई फिल्म का ट्रेलर देखते हैं और फिल्म के लिए माहौल बनाया जाता है. लेकिन समय के साथ फिल्म मार्केटिंग का ये तरीका उतने बेहतर नतीजे नहीं ला पा रहा जिस तरह इसका असर पहले होता था. जैसे, कार्तिक आर्यन ने 'शहजादा' के प्रमोशन में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी. आगरा के ताज महल और दिल्ली में 'शहजादा' के प्रमोशनल इवेंट पर खूब भीड़ जुटी. अगर ऐसी भीड़ थिएटर्स में भी होती तो 'शहजादा' बॉक्स ऑफिस पर इतनी बुरी तरह नहीं जूझ रही होती.
अक्षय कुमार की फिल्में पिछले साल लाइन से फ्लॉप हुईं. हालांकि, 'रक्षा बंधन' के लिए उन्होंने इंदौर से जयपुर तक और 'सम्राट पृथ्वीराज' के लिए दिल्ली से वाराणसी तक खूब टूर किए. मगर बॉक्स-ऑफिस पर दोनों फिल्मों का क्या हुआ ये आप जानते ही हैं. सिटी टूर में लोग स्टार्स को देखने तो जुट जाते हैं, मगर थिएटर्स में फिल्म देखने नहीं पहुंचते.
जनता से बढ़ती दूरी लॉकडाउन के दौरान जब फिल्में आना बंद हुईं और जनता का नौकरी-धंधे के लिए ट्रेवल करने का समय बचा, तो सबसे बड़ा फायदा ओटीटी को हुआ. हिंदी फिल्मों के दर्शकों ने साउथ से लेकर दुनिया भर का कंटेंट डिस्कवर किया और इसी वजह से बॉलीवुड फिल्मों से उनकी उम्मीद बढ़ गई. जबकि दूसरी तरफ इंडस्ट्री को दर्शकों के टेस्ट का आईडिया एक ऐसे सिस्टम से मिल रहा है, जो खुद हवा-हवाई है और जिसका कोई सॉलिड आधार नहीं है.
सोशल मीडिया पर कंगना के साथ हुई घटना की लोगों ने निंदा की है. फैंस एक्ट्रेस के सपोर्ट में उतरे हैं. लेकिन अभी तक फिल्म इंडस्ट्री से किसी का रिएक्शन इस मामले में नहीं आया है. इससे कंगना बेहद आहत हैं. उन्होंने इंस्टा स्टोरी पर एक पोस्ट लिख इंडस्ट्री के लोगों को कॉल आउट किया है. हालांकि बाद में एक्ट्रेस ने ये पोस्ट डिलीट कर दी.