सीएम-पीएम को गिरफ्तार करने के नियम क्या हैं, क्या सीबीआई सीधे कर सकती है अरेस्ट
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दिल्ली के कथित शराब घोटाले के सिलसिले में रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से 9 घंटे पूछताछ हुई. उनसे 56 सवाल किए गए. इस बीच आम आदमी पार्टी ने सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी की आशंका भी जताई है. ऐसे में जानते हैं कि देश में प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक की गिरफ्तारी को लेकर नियम क्या हैं?
दिल्ली के कथित शराब घोटाले की आंच अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक आ गई है. रविवार को सीबीआई ने सीएम केजरीवाल से 9 घंटे तक पूछताछ की. सीबीआई दफ्तर से निकलने के बाद रविवार रात केजरीवाल ने मीडिया को बताया, 'मुझसे 56 सवाल पूछे गए. मैंने सभी के जवाब दिए. जैसा कि पहले भी कह चुके हैं हमारे पास छिपाने को कुछ नहीं है. ये पूरा शराब घोटाला फर्जी और घटिया राजनीति से प्रेरित है. हम मर जाएंगे लेकिन ईमानदारी से समझौता नहीं करेंगे.'
रविवार को जिस समय सीबीआई दफ्तर में सीएम केजरीवाल से पूछताछ चल रही थी, तब आम आदमी पार्टी ने आशंका जताई थी कि उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है. इसे लेकर पार्टी ने देर शाम इमरजेंसी मीटिंग भी बुलाई थी. हालांकि, सीबीआई ने पूछताछ के बाद केजरीवाल को वापस भेज दिया.
हालांकि, इन सबके बीच सवाल उठता है कि क्या किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जा सकता है? अगर हां तो कब और कैसे? कानूनी प्रावधान क्या हैं?
मुख्यमंत्री को कब गिरफ्तार किया जा सकता है?
- कोड ऑफ सिविल प्रोसिजर की धारा 135 के तहत प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य, मुख्यमंत्री, विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों को गिरफ्तारी से छूट मिली है. ये छूट सिर्फ सिविल मामलों में है, क्रिमिनल मामलों में नहीं.
- इस धारा के तहत संसद या विधानसभा या विधान परिषद के किसी सदस्य को गिरफ्तार या हिरासत में लेना है तो सदन के अध्यक्ष या सभापति से मंजूरी लेना जरूरी है. धारा ये भी कहती है कि सत्र से 40 दिन पहले, उस दौरान और उसके 40 दिन बाद तक ना तो किसी सदस्य को गिरफ्तार किया जा सकता है और ना ही हिरासत में लिया जा सकता है.
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