सिविल सर्जन को लेकर झारखंड हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी, कहा- इनके अंदर खत्म हुई इंसानियत
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झारखंड हाईकोर्ट ने सिविल सर्जन को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. उन्होंने आगे कहा कि सिविल सर्जन के अंदर इंसानियत की भावना खत्म हो गई है. अगर वह काम नहीं कर पा रहे हैं, तो इस्तीफा देकर चले क्यों नहीं जाते.
झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को रांची के सिविल सर्जन को लेकर कड़ी टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि सिविल सर्जन के अंदर इंसानियत की भावना खत्म हो गई है. अगर वह काम नहीं कर पा रहे हैं, तो इस्तीफा देकर चले क्यों नहीं जाते. कोर्ट की नाराजगी रिम्स की व्यवस्था से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सिविल सर्जन के जवाब को लेकर थी. कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हाईकोर्ट से जुड़े लोगों का सैंपल पिछले 4 दिनों से जांच के लिए नहीं भेजा जा रहा है. 5 तारीख को सैंपल लिया गया था. अब तक जांच क्यों नहीं हुई. अदालत ने सिविल सर्जन से पूछा कि सैंपल रख कर क्या कर रहे हैं. हाईकोर्ट से जुड़े लोगों के साथ ऐसा सुलूक है, तो सिविल सर्जन आम लोगों के साथ कैसा व्यवहार कर रहे होंगे. इतना ही नहीं, कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि सिविल सर्जन के अंदर इंसानियत की भावना खत्म हो गई. अगर वह अपना कार्य नहीं कर पा रहे हैं, तो इस्तीफा देकर चले क्यों नहीं जाते?दिल्ली-कनाडा फ्लाइट को बीते सप्ताह उड़ाने की धमकी एक मेल के जरिए दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने 13 साल के एक बच्चे को पकड़ा है. यह मेल बच्चे ने हंसी-मजाक में भेज दिया था. वह यह देखना चाहता था कि धमकी भरा मेल भेजने के बाद पुलिस उसे ट्रेस कर पाती है या नहीं. अब उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा.
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