
साइलेंट किलर है ये बीमारी, आंखों से किडनी तक शरीर का हर अंग कर रही खोखला
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हाई ब्लड शुगर के चलते मरीज को कई तरह की दिक्कतें महसूस होने लगती हैं. मुंह सूखना, थकावट, पैरों का सुन्न पड़ जाना और या स्किन से जुड़ी समस्या इस बीमारी के वॉर्निंग साइन होते हैं.
अगर आपके शरीर में भी डायबिटीज के लक्षण दिखने शुरू हो गए हैं तो सावधान हो जाइए. ये बीमारी धीरे-धीरे मगर शरीर के प्रमुख अंगों को खोखला कर सकती है. हाई ब्लड शुगर के चलते मरीज को कई तरह की दिक्कतें महसूस होने लगती हैं. मुंह सूखना, थकावट, पैरों का सुन्न पड़ना और स्किन से जुड़ी समस्या इस बीमारी के वॉर्निंग साइन होते हैं. ये न सिर्फ आपके ब्लडस्ट्रीम को प्रभावित करती है, बल्कि शरीर के मुख्य अंगों को भी खराब करती है. आंख में धुंधलापन- एक्सपर्ट कहते हैं कि डायबिटीज के कारण किसी इंसान की आंखें भी खराब हो सकती है. इसमें इंसान को धुंधला दिखना शुरू हो जाता है. ये बीमारी आंखों के रेटीना में मौजूद रक्त कोशिकाओं को डैमेज करने का काम करती है. इसके लास्ट स्टेज पर कई बार इंसान पूरी तरह से अंधा भी हो सकता है. किडनी फेलियर- डायबिटीज के रोगियों में किडनी से जुड़ी समस्या बेहद सामान्य है. एक बार किडनी काम करना बंद कर दे तो आपको किडनी ट्रांसप्लांट या डायलिसिस की जरूरत पड़ती है. एक्सपर्ट कहते हैं कि हाई ब्लड शुगर के चलते इंसान की किडनी भी फेल हो सकती है.
HMD 101 और HMD 100 को भारत में लॉन्च कर दिया गया है. ये फोन्स कम कीमत में दमदार फीचर्स के साथ आते हैं. कंपनी ने इन फोन्स को 1000 रुपये से कम के इंट्रोडक्टरी प्राइस पर लॉन्च किया है. HMD 101 में कॉल रिकॉर्डिंग, MP3 प्लेयर और दमदार बैटरी जैसे फीचर्स मिलते हैं. आइए जानते हैं इन फोन्स की कीमत और दूसरे फीचर्स.

सिंगापुर के हाई कमिश्नर टू इंडिया, साइमन वोंग ने अपनी पोस्ट में दो स्क्रीनशॉट भी साझा किए. पहला स्क्रीनशॉट इंडिगो की ओर से आया व्हाट्सऐप अलर्ट था, जिसमें फ्लाइट कैंसिल होने की जानकारी दी गई थी. दूसरा स्क्रीनशॉट शादी स्थल पर मौजूद मेहमानों द्वारा भेजा गया, जिसमें उन्हें वोंग का इंतजार करते हुए देखा जा सकता था.

इंडिगो की फ्लाइट्स के लगातार कैंसिल और घंटों की देरी के बीच यात्रियों का कहना है कि एयरपोर्ट पर स्थिति बेहद अव्यवस्थित रही. कई यात्रियों ने शिकायत की कि न तो समय पर कोई अनाउंसमेंट किया गया और न ही देरी की सही वजह बताई गई. मदद के लिए हेल्प डेस्क और बोर्डिंग गेट पर बार-बार गुहार लगाने के बावजूद उन्हें स्टाफ का कोई ठोस सहयोग नहीं मिला.










