संदेशखाली केस: शाहजहां शेख के गढ़ में पहुंची CBI, पीड़ितों के दर्ज किए बयान
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महिलाओं के साथ अत्याचार और जमीन हड़पने के मामलों की जांच के लिए सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम ने शनिवार को वेस्ट बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली का दौरा किया. इस दौरान टीम ने पीड़ित परिवारों और महिलाओं बातचीत करके उनके बयान दर्ज किए हैं.
महिलाओं के साथ अत्याचार और जमीन हड़पने के मामलों की जांच के लिए सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम ने शनिवार को वेस्ट बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली का दौरा किया. इस दौरान टीम ने पीड़ित परिवारों और महिलाओं बातचीत करके उनके बयान दर्ज किए हैं. इसके साथ ही सीबीआई की एक टीम संदेशखाली पुलिस स्टेशन भी पहुंची, जहां मौजूद पुलिसकर्मियों से जांच रिपोर्ट तलब की है.
केंद्रीय जांच ब्यूरो के एक अधिकारी ने बताया, ''हम महिलाओं के खिलाफ अपराध और जमीन पर कब्जा करने के संबंध में ग्रामीणों से बात करने के लिए संदेशखाली में हैं. हम उनके आरोपों को नोट कर रहे हैं. इस केस की जांच करने वाले पुलिस अफसरों से भी बातचीत की गई है.'' कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह संदेशखाली मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया था. इसे लेकर विरोध प्रदर्शन भी हुए थे.
वेस्ट बंगाल में राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में निलंबित टीएमसी नेता शाहजहां शेख के आवास पर छापेमारी करने गए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों की एक टीम पर ग्रामीणों द्वारा हमला किए जाने के बाद से ही संदेशखाली देशभर में सुर्खियों में बना हुआ है. उत्तर 24 परगना जिले के इस इलाके में तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं के खिलाफ महिलाओं पर यौन अत्याचार और जमीन हड़पने के आरोप लगे हैं.
इस मामले की पहले स्थानीय पुलिस ने जांच की थी, लेकिन बाद में सीबीआई को ये केस सौंप दिया गया. सीबीआई ने शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर लिया. उसकी पहचान तृणमूल कांग्रेस के एक ताकतवर और प्रभावशाली नेता के तौर पर है. वो संदेशखाली यूनिट का टीएमसी अध्यक्ष भी रह चुका है. पहली बार वो उस समय चर्चा में आया, जब 5 जनवरी को ईडी की टीम शाहजहां से बंगाल राशन वितरण घोटाला मामले में पूछताछ करने पहुंची थी.
उस समय शाहजहां शेख के गुर्गों ने ईडी की टीम पर हमला कर दिया था. इसके बाद से ईडी ने उसे लगातार समन जारी किया था. इसके बाद संदेशखाली उस समय सुर्खियों में आया, जब वहां की महिलाओं ने शाहजहां शेख पर जमीन हड़पने और उसके गुर्गों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया. इस मामले को लेकर लेफ्ट और बीजेपी पार्टियों ने ममता सरकार के खिलाफ जमकर विरोध किया.
संदेशखाली में धारा 144 लगाकर विपक्ष के नेताओं को वहां जाने से रोका गया था. इसके बाद मामला केंद्र तक पहुंचा. ममता सरकार पर दबाव बनाया गया कि संदेशखाली के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए. हालांकि बंगाल पुलिस ने इसके गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन शाहजहां शेख पर हाथ डालने से पुलिस डर रही थी. लेकिन कोलकाता हाई कोर्ट के दखल के बाद शाहजहां की गिरफ्तारी हुई थी.
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