
शेख हसीना के सहयोगी ने हथकड़ी में ली आखिरी सांस? बांग्लादेश के पूर्व मंत्री की फोटो वायरल होने पर बवाल
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सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि 75 वर्षीय हुमायूं, जो ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल (DMCH) के ICU में इलाज करा रहे थे, उनके हाथों में हथकड़ियां थीं. कुछ ने यहां तक कहा कि उनके निधन के बाद भी हथकड़ियां नहीं हटाई गईं. हालांकि, बांग्लादेश जेल प्रशासन ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया. उनका कहना है कि वायरल फोटो ICU के दौरान की नहीं है और यह दावा भ्रामक और निराधार है.
बांग्लादेश में उस समय जबरदस्त हंगामा खड़ा हो गया जब सोशल मीडिया पर एक तस्वीर सामने आई, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के करीबी और पूर्व उद्योग मंत्री नुरुल माजिद महमूद हुमायूं अस्पताल के बिस्तर से हथकड़ी से बंधे दिखाई दे रहे हैं. यह तस्वीर उनके निधन के तुरंत बाद वायरल हुई और देशभर में नाराजगी फैल गई.
दरअसल, सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि 75 वर्षीय हुमायूं, जो ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल (DMCH) के ICU में इलाज करा रहे थे, उनके हाथों में हथकड़ियां थीं. कुछ ने यहां तक कहा कि उनके निधन के बाद भी हथकड़ियां नहीं हटाई गईं.
जेल अधिकारियों के मुताबिक, 24 सितंबर को गिरफ्तार किए गए हुमायूं की सोमवार को जेल हिरासत के दौरान मौत हो गई. वे ICU में भर्ती थे और कई उम्र-संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे. गिरफ्तारी के बाद उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. उन पर 2024 में हुए एंटी-डिस्क्रिमिनेशन मूवमेंट (भेदभाव विरोधी आंदोलन) के दौरान हुए हमलों से जुड़े कई मामलों में आरोप थे.
वायरल फोटो पर आक्रोश
यह तस्वीर सामने आने के बाद वकीलों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने इसे मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन करार दिया. मानवाधिकार कार्यकर्ता नूर खान लिटन ने कहा, “मरते हुए या मृत व्यक्ति के हाथों में हथकड़ी रखना अमानवीय और मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है. यह गरिमा की सबसे बड़ी अवहेलना का उदाहरण है.”
एडवोकेट अबू ओबायदुर रहमान ने कहा कि तस्वीरें साफ तौर पर हाईकोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन दिखाती हैं. उन्होंने कहा, “75 साल के बीमार बुजुर्ग को खतरनाक या फरार होने की आशंका वाला कैदी कैसे माना जा सकता है? जेल कोड में साफ लिखा है कि बीमार कैदियों को हथकड़ी नहीं लगाई जानी चाहिए.”

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