शीना बोरा हत्याकांड: राकेश मारिया, दिनेश कदम ...CBI ने विटनेस लिस्ट से हटाए 23 नाम, भरोसा नहीं होने का दिया हवाला
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इस साल मार्च में सीबीआई अदालत द्वारा पारित एक आदेश के अनुसार, सीबीआई को उन गवाहों के नामों की सूची सौंपनी होगी जिन्हें एजेंसी अपने मामले को साबित करने के लिए अदालत में नहीं लाएगी.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शीना बोरा हत्या मामले में गुरुवार को विशेष सीबीआई अदालत को ऐसे गवाहों की सूची दी जिन पर 'भरोसा' नहीं किया जा सकता. सीबीआई ने शुरू में कहा था कि 2015 के इस मर्डर केस में इंद्राणी मुखर्जी और अन्य के खिलाफ दर्ज उसके केस में लगभग 250 गवाह हैं. सीबीआई ने विशेष अदालत को जो सूची सौंपी है, उनमें मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया, शीना बोरा मर्डर केस के पहले जांच अधिकारी दिनेश कदम, वर्तमान में मुंबई पुलिस के जॉइंट कमिश्नर सत्यनारायण, आईपीएस अधिकारी आरडी शिंदे और टीवी पर्सनैलिटी सोहेल सेठ जैसे 23 नाम शामिल हैं.
इस साल की शुरुआत में इंद्राणी मुखर्जी ने एक आवेदन दायर कर मांग की थी कि सीबीआई को उन गवाहों की एक सूची प्रस्तुत करने के लिए अदालत द्वारा निर्देशित किया जाए जिनसे वह पूछताछ करना चाहती है. इंद्राणी ने कोर्ट से ऐसे गवाहों से पूछताछ करने के शेड्यूल के बारे में भी सीबीआई को जानकारी साझा करने के लिए निर्देश देने की मांग की थी. इसमें उन गवाहों की सूची भी है जिनका बयान लेने का अभियोजन पक्ष का कोई इरादा नहीं है, हालांकि आरोप पत्र में उनका नाम गवाह के रूप में डाला गया था.
सीबीआई अब तक 86 गवाहों को अदालत में ला चुकी है
इस साल मार्च में सीबीआई अदालत द्वारा पारित एक आदेश के अनुसार, सीबीआई को उन गवाहों के नामों की सूची सौंपनी होगी जिन्हें एजेंसी अपने मामले को साबित करने के लिए अदालत में नहीं लाएगी. कोर्ट को गुरुवार को सौंपे गए दस्तावेज में इन गवाहों को विटनेस बॉक्स में न बुलाने का कारण नहीं बताया गया है. सिर्फ लिखा है 'लिस्ट ऑफ विटनेसेज अन रिलाइड अपॉन' अब तक, एजेंसी अपना मामला साबित करने के लिए 86 गवाहों को अदालत में ला चुकी है. इनमें से कुछ गवाह ऐसे भी हैं जो अपने बयान से मुकर गए हैं. एक महिला गवाह को गुरुवार को सीबीआई ने कोर्ट में पेश किया, जो अपने बयान से मुकर गई.
स्पेशल कोर्ट में अपने बयान से मुकरी एक महिला गवाह
इंद्राणी के वकील रंजीत सिंगल द्वारा क्रॉस एग्जामिनेशन के दौरान महिला गवाह ने अदालत को बताया कि पिछली सुनवाई के दौरान एक सीबीआई जांचकर्ता ने कोर्ट रूम में बैठी इंद्राणी मुखर्जी की ओर इशारा किया था और उससे कहा था कि उसे आरोपी की पहचान करनी होगी. उसने यह भी कहा, 'मैंने रोहित भारद्वाज (सीबीआई अधिकारी) के अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया था, लेकिन तब भी अधिकारी ने मुझ पर इंद्राणी मुखर्जी के खिलाफ बयान देने के लिए दबाव डाला था'.
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