शिवलिंगः डीयू के शिक्षक रतन लाल को ज़मानत देते हुए कोर्ट ने क्यों कही 130 करोड़ विचार की बात - प्रेस रिव्यू
BBC
दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफ़ेसर रतन लाल को 'शिवलिंग' को लेकर कथित आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट मामले में दिल्ली की एक कोर्ट ने ज़मानत दे दी है. पढ़ें आज के अख़बारों की प्रमुख ख़बरें.
दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफ़ेसर रतन लाल को 'शिवलिंग' को लेकर कथित आपत्तिजनक सोशल पोस्ट मामले में दिल्ली कोर्ट ने शनिवार को ज़मानत दे दी. इस मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली की कोर्ट ने कई टिप्पणियां कीं.
अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कोर्ट ने यह कहते हुए कि भारतीय सभ्यता सभी धर्मों को स्वीकार करने के लिए जानी जाती है और इस देश में किसी भी विषय पर 130 करोड़ अलग-अलग विचार हो सकते हैं, शिक्षक रतन लाल को ज़मानत दे दी.
चीफ़ मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ मलिक ने कहा, ''संरचना/प्रतीक के संबंध में ये पोस्ट काल्पनिक प्रकृति की है जो अब सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं है.''
कोर्ट ने कहा, ''अभियुक्त की पोस्ट एक विवादित विषय के संबंध में व्यंग्य का एक असफल प्रयास था जिसका उलटा असर हुआ और ये एफ़आईआर हुई.''
न्यायाधीश ने भारतीय सभ्यता की सहिष्णुता और किसी विषय को लेकर अलग-अलग विचार होने पर कई बातें कहीं. कोर्ट ने कहा, ''भारतीय सभ्यता दुनिया में सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है और सभी धर्मों के लिए सहिष्णु और सबको स्वीकार करने वाली मानी जाती है. शब्दों से नफ़रत फैलाने का इरादा था या नहीं ये व्यक्तिगत दृष्टिकोण है क्योंकि ये पढ़ने वाले व्यक्ति की धारणा पर निर्भर करता है.''