
शिंजो आबे के प्रयासों से एकजुट हुए थे ये चार देश, पहली मीटिंग से टेंशन में आ गया था चीन
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चीन के बढ़ते प्रभाव और सैन्य ताकत का मुकाबला करने के उद्देश्य से बनाए गए क्वाड का प्रस्ताव काफी समय से लंबित था लेकिन आबे के प्रयासों से इसे आकार दिया गया था. भारत, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं ने कहा कि शिंजो आबे की हत्या के बाद हमारा देश जापान के लोगों के साथ खड़ा है.
जापान के साथ क्वाड (QUAD) बनाने वाले देशों में शामिल भारत, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के नेताओं ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या पर आश्चर्य जताया है. साथ ही कहा है कि शिंजो आबे ने क्वाड देशों के बीच साझेदारी की स्थापना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके अलावा आबे ने शांतिपूर्ण, समृद्ध हिंद-प्रशांत की दिशा में भी अथक प्रयास किए.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बयान में कहा कि हम, ऑस्ट्रेलिया, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के नेता पूर्व जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे की दुखद हत्या से स्तब्ध हैं.
तीनों देशों के नेताओं ने कहा कि शिंजो आबे एक परिवर्तनकारी नेता थे. उन्हीं के प्रयासों से हमारे देशों के संबंध जापान से बेहतर और मजबूत बने हैं. शुक्रवार को व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि शिंजो आबे ने क्वाड की स्थापना में भी एक रचनात्मक भूमिका निभाई थी.
2007 में शिंजो आबे ने दिया था क्वाड का प्रस्ताव
साल 2007 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने ऐसे संगठन का प्रस्ताव दिया जिसमें हिंद-प्रशांत समुद्री क्षेत्र में ताकतवर देश शामिल हो सके. 2007 में शुरू होने के बाद QUAD अगले 10 सालों यानी 2017 तक निष्क्रिय रहा. 2017 में जब इस संगठन को फिर तैयार किया गया तब इसका उद्देश्य चीन के बढ़ते प्रभाव को काउंटर करना था. 2019 में भी QUAD देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी. लेकिन कोरोना के चलते 2020 में इन देशों के नेताओं की बैठक नहीं हो सकी थी.
2021 नवंबर में QUAD में शामिल चारों देशों की नौसेना ने अरब सागर में अभ्यास किया था. QUAD देशों की इस अभ्यास की वजह से चीन के माथे पर चिंता की लकीरें आ गई थीं. दरअसल चीन को लगता था कि ये एक अमेरिकी साजिश है जिसके जरिये चीन के अस्तित्व को बढ़ने से रोकने की कोशिश की जा रही है.

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