शहीद की अंतिम विदाई: जिसमें लिपटी आई पिता की देह, उस तिरंगे को 4 साल के बेटे के हाथ सौंपा; गुमसुम-सा देखता रहा मासूम
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राजेश यादव 9 साल पहले आर्मी में भर्ती हुए थे. इस दौरान अलग-अलग जगह पर पोस्टिंग रही. वर्तमान में लेह में तैनात थे. जहां पर आतंकी मुठभेड़ में गोली लगने से घायल हो गए थे और 26 दिसंबर को शहीद हो गए थे.
देश की रक्षा करने में अपने प्राणों की आहुति देने वाले राजेश यादव का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. राजेश के 4 साल के बेटे ने अपने पिता को मुखाग्नि दी. यह दृश्य देखकर लोगों की आंखों में आंसू आ गए . वहीं, अंतिम संस्कार करने से पहले उन्हें सेना के जवानों ने बंदूकों से फायर कर शहीद को आखिरी सलामी दी गई. इससे पहले कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल, विधायक वीरेंद्र लोधी, कलेक्टर दीपक आर्य, एसपी अभिषेक तिवारी सहित अन्य लोगों ने उनकी पार्थिव देह पर पुष्प हार चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की.
अंतिम संस्कार से पहले शहीद राजेश यादव की पार्थिव देह में लिपटे राष्ट्र ध्वज को समेट कर उनके मासूम बेटे को दिया गया. शहीद की अंतिम विदाई में बंडा क्षेत्र के लोगों में एक अलग ही देश प्रेम की भावना देखने को मिली. जैसे ही सेना के जवान शहीद राजेश यादव के पार्थिव शरीर को लेकर सागर से बंडा पहुंचे तो रोड के दोनों किनारों पर हजारों लोगों की भीड़ अंतिम दर्शन के लिए खड़ी हुई थी और पुष्प वर्षा कर रही थी. वहीं, सेना के ट्रक के पीछे भी हजारों की संख्या में लोग चल रहे थे. भारत माता की जय के जयकारे गूंज रहे थे. राजेश यादव 9 साल पहले आर्मी में भर्ती हुए थे. इस दौरान अलग-अलग जगह पर पोस्टिंग रही. वर्तमान में लेह में तैनात थे. जहां पर आतंकी मुठभेड़ में गोली लगने से घायल हो गए थे और 26 दिसंबर को शहीद हो गए थे.
राजेश यादव की 7 साल की बेटी बोली, मैं भी बड़ी होकर सेना में शामिल होऊंगी. ग्रामीणों ने बताया कि राजेश को क्रिकेट से भी बड़ा लगाव था और जब भी वह छुट्टियों में आते थे तो यहां पर स्टेडियम बन जाए ऐसी चर्चाएं करते थे. ग्रामीणों ने शहीद के नाम पर स्टेडियम सहित का स्मारक और पार्क बनाने की प्रशासन से मांग की है.
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