वो मां जिसने अपने ऑटिस्टिक बेटे पर कॉमिक बुक बनाई
BBC
मुग्धा कालरा ने तीन महिलाओं के साथ मिलकर न्यूरोडाइवर्स बच्चों के बारे में भारत की पहली कॉमिक बुक बनाई है. नाम है - 'नॉट दैट डिफरेंट'.
ये सब तब शुरू हुआ जब मुग्धा कालरा को एहसास हुआ कि वो 'एक ऑटिज़्म के गांव' में नहीं रहना चाहतीं, जहां वो सिर्फ खास ज़रूरतों वाले बच्चों, उनके मां-बाप, डॉक्टर और थेरेपिस्ट्स से मिलें.
जब से उन्हें पता चला था कि उनका बेटा माधव ऑटिस्टिक है, तबसे यही उनकी ज़िंदगी बन गई थी. ऑटिज़्म एक 'डेवलेपमेंटल डिसएबिलिटी' है जिसमें और लोगों से मिलने-जुलने और अपनी बात कहने में दिक्कत आती है.
माधव तीन साल का था जब उसकी दादी ने देखा कि वो किसी से भी बात करते वक्त नज़र से नज़र नहीं मिलाता.
धीरे-धीरे उसने बात करना लगभग बंद ही कर दिया और हाव-भाव से ही अपनी बात ज़ाहिर करता.
मुग्धा के मुताबिक वो शुरुआती साल बहुत मुश्किल थे. माधव कई बार बिगड़ जाता, हाथ-पैर पटकने लगता. मुग्धा ने एक डायरी में लिखना शुरू किया ताकि उसे परेशान करने वाली बातों की सूची बना सके.