
'विरासत में गद्दी तो मिल सकती है, पर बुद्धि नहीं', 'हल्ला बोल' में बोले बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया
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BJP प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, 'देखिए, सबसे पहले शुरुआत करते हैं कि अखिलेश यादव कह रहे हैं -जिसने जंग टाली है समझो उसने जंग हारी है और आज मुझे वो एक कहावत है याद आ गई विरासत में गद्दी तो मिल सकती है, लेकिन बुद्धि नहीं मिल सकती है. और मैं आपको बताता हूं कि बुद्धि क्यों नहीं मिल सकती है.'
चुनाव आयोग के मिल्कीपुर विधानसभा सीट को छोड़कर नौ सीटों पर उपचुनाव का ऐलान कर दिया है. निर्वाचन आयोग ने मिल्कीपुर सीट पर चुनाव न कराने का फैसला बीजेपी के पूर्व प्रत्याशी बाबा गोरखनाथ द्वारा कोर्ट में डाली गई याचिका को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. केंद्रीय चुनाव आयोग के इस फैसले विपक्षी नेता योगी सरकार पर हमलावर है. बीजेपी विपक्ष के हमलों से घिरे तो बाबा गोरखनाथ को लखनऊ बुलाया गया, जिसके बाद उन्होंने अपनी याचिका वापस लेने का ऐलान कर दिया है.
आजतक के खास शो 'हल्ला बोल' में इसे लेकर बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया से सवाल पूछा गया. उनसे पूछा गया कि दो सवाल उठ रहे हैं एक तो अखिलेश यादव का ये सीधा हमला है. उन्होंने कहा जिसने जंग टाली उसने जंग हारी और दूसरी तरफ अगर इस तरह की याचिका दायर की हुई थी तो डाउन दी लाइन किसी को इसकी जानकारी नहीं थी क्या पार्टी के अंदर, क्योंकि योगी आदित्यनाथ तो वहां लगातार प्रचार कर रहे थे. यानी आप लोग मान कर चल रहे थे कि चुनाव होगा.
'विरसत में नहीं मिल सकती बुद्धि'
बीजेपी प्रवक्ता ने जवाब में कहा कि देखिए, सबसे पहले तो मैं आपकी रिपोर्ट सुन रहा था और पेशे से वरिष्ठ अधिवक्ता हूं तो एक जिम्मेदारी मेरी बनती है, उस रिपोर्ट में कहा गया कि जो इलेक्शन पिटिशन डाली है. उसमें सुनवाई नहीं हुई है, मुझे नहीं लगता और कोई पैनलिस्ट अध्ययन करके भी आया होगा, लेकिन मेरी जिम्मेदारी थी तो मैं आपको बता दूं कि 19 अक्टूबर 2022, 21 फरवरी 2023 , 14 मार्च 2023, 2 अप्रैल 2023 और तीन-चार और डेट है. जब इस मामले की सुनवाई हुई है. इसका मतलब मामला लंबित है पहली बात. अब आते हैं राजनीतिक बात पर देखिए, सबसे पहले शुरुआत करते हैं कि अखिलेश यादव कह रहे हैं -जिसने जंग टाली है समझो उसने जंग हारी है और आज मुझे वो एक कहावत है याद आ गई विरासत में गद्दी तो मिल सकती है, लेकिन बुद्धि नहीं मिल सकती है. और मैं आपको बताता हूं कि बुद्धि क्यों नहीं मिल सकती है.
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि सबसे पहले रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट है रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट में सेक्शन 151A है, जिसको सर्वोच्च न्यायालय ने उनका एक जजमेंट आया है और वो मैंने रखा है, क्योंकि मैं चाहता हूं करोड़ों दर्शक देखें कि भाजपा का प्रवक्ता भी अखिलेश यादव जो पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं. उन पर हावी रहता है, क्योंकि अध्ययन करता हूं. ये जजमेंट सुप्रीम कोर्ट का कहना है एक लाइन पढ़ दूं.दोज वेकेंसीज़ इन व्हिच इलेक्शन पीटेशन्स हाड बीन फाइल्ड एंड वेर पेंडिंग कैननॉट बी हेल्ड टु हॅव बिकम अवेलेबल फॉर दी पर्पस ऑफ बीइंग फाइल्ड अप वीथिन दी टाइम प्रीस्क्राइब अंडर सेक्शन 151A ऑफ 1951 रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया अगर इलेक्शन पीटिशन पेंडिंग है तो उस जगह पर बाइपोल नहीं हो सकता है, चाहे लोकसभा हो चाहे विधानसभा हो, पहली बात. दूसरी बात ये सारे लोग चाहे अखिलेश यादव हो, चाहे अवधेश प्रसाद हो, चाहे प्रमोद तिवारी हो, चाहे अजय राय हो. ये सवालिया निशान किस पर लगा रहे संवैधानिक संस्था इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया पर सबसे पहले कल की प्रेस वार्ता आपने देखी होगी क्या आया उसमें स्पष्ट था. इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया ने कहा क्योंकि इलेक्शन पिटिशन पेंडिंग है उसको छोड़ कर सभी बाईपोल करवाए जा रहे हैं. 48 विधानसभा सीटें हैं और दो लोकसभा सीटें हैं.
चुनाव आयुक्त ने दिया है जवाब

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