
'वंदे मातरम् को वफादारी का टेस्ट न बनाया जाए...', संसद में बोले असदुद्दीन ओवैसी
AajTak
वंदे मातरम् पर संसद में AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने अपने संबोधन में कहा कि संविधान सभी नागरिकों के लिए बराबरी का अधिकार देता है और इस अधिकार को किसी भी तरह की धार्मिक पहचान या प्रतीक के साथ नहीं जोड़ा जा सकता. वतन से मोहब्बत का मतलब है देश के लोगों के लिए काम करना.
लोकसभा में वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर हुई विशेष चर्चा के दौरान AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने अपने संबोधन में संवैधानिक मूल्यों, धार्मिक आज़ादी और राष्ट्रवाद के स्वरूप को लेकर कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने चेताया कि किसी भी तरह से देशभक्ति को किसी एक धर्म या पहचान से जोड़ना संवैधान्य सिद्धांतों के खिलाफ है और इससे सामाजिक विभाजन बढ़ेगा.
ओवैसी ने कहा कि हमारे संविधान की शुरुआत “वी द पीपल” से होती है, न कि किसी देवी-देवता के नाम से पहले प्रिंबल में लिखे गए लिबर्टी ऑफ थॉट, एक्सप्रेशन, बिलीफ, फेथ एंड वर्शिप को उन्होंने डेमोक्रेसी का मूल बताया और कहा कि राज्य किसी एक धर्म की संपत्ति नहीं हो सकता. उन्होंने संविधान सभा में हुई बहसों का जिक्र करते हुए कहा कि वंदे मातरम् को लेकर भी संशोधनों पर विचार हुआ था, लेकिन किसी देवी के नाम से प्रीएम्बल आरंभ कराने का प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया गया.
ओवैसी ने क़ानूनी मिसालें पेश करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के नज़दीकी फ़ैसलों और दिशानिर्देशों को देखना चाहिए. जैसे कुछ मामलों में राष्ट्रगान/राष्ट्रगीत को लेकर दिए गए रुख और यह तर्क दिया कि वंदे मातरम को जबरन किसी की वफ़ादारी का मापदंड नहीं बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वतन से मोहब्बत होना अलग बात है, मगर देशभक्ति को धार्मिक अनुष्ठान या पाठ से बांध देना संविधान के ख़िलाफ़ है.
उन्होंने कहा, संविधान का पहला पन्ना ही खयाल, इज़हार, अक़ीदा, दीन और इबादत की पूरी आज़ादी देता है, तो किसी नागरिक को किसी ख़ुदा, देवी-देवता की इबादत या सज्दा करने के लिए कैसे मजबूर किया जा सकता है? उन्होंने कहा कि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है और किसी को अपनी मान्यता थोपने का अधिकार नहीं है.
ओवैसी ने आज़ादी के आंदोलन में मुसलमान, सिख, हिन्दू और अन्य समुदायों के योगदान का हवाला देते हुए उस पर ज़ोर दिया कि देश के लिए कुछ लोगों की कुर्बानी और उनकी वतन भक्ति को भुलाया नहीं जाना चाहिए. उन्होंने अनेक नामों का उल्लेख कर यह कहा कि जिन्होंने अंग्रेजों के ख़िलाफ़ संघर्ष किया, वे भी वतन के सच्चे प्रेमी थे और इसलिए वतन की मोहब्बत को किसी एक सामूहिक पहचान का नाम नहीं दिया जा सकता.
यह भी पढ़ें: क्या मुसलमानों को खुश करने के लिए बदल दिया गया था 'वंदे मातरम्'? जानिए पूरा सच

इंडिगो संकट ने हमारे देश के एविएशन सेक्टर की खामियों को उजागर कर दिया है. लाखों पैसेंजर परेशान हुए, पैसों का नुकसान हुआ. जहां जाना था, नहीं पहुंच पाए. लेकिन इंडिगो की मनमानी पर DGCA को ही कदम पीछे खींचना पड़ा. अब एविएशन मिनिस्टर राम मोहन नायडू ने जिस तरह की सफाई दी है, उससे लगता है कि कई जवाब सरकार के पास भी नहीं हैं.

जालंधर के 66 फीट रोड स्थित इंडसइंड बैंक के ATM से निकाले गए 500-500 के नोट कटे-फटे और नकली पाए गए, जिसे देखकर ग्राहक राजबीर ने वीडियो बनाकर सच उजागर किया. ATM पर मौजूद लोग हक्का-बक्का रह गए और सुरक्षा गार्ड को खरी-खोटी सुनाई गई. ड्राई क्लीनर दुकानदार शकूर ने बैंक की गलती बताते हुए कार्रवाई की मांग की. बैंक मैनेजर अमित बब्बर ने जांच की पुष्टि की और नोट बदल दिए, जबकि सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा जारी है.

संसद में वंदे मातरम् पर हुई बहस के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि वंदे मातरम के नाम पर सरकार देश की सच्चाई छिपा रही है. प्रियंका गांधी ने कहा कि मोदी जितना प्रधानमंत्री हैं, नेहरू उतने साल जेल में रहकर देश की सेवा करते रहे.

महाराष्ट्र के नासिक जिले के वनी क्षेत्र में एक दुखद हादसा हुआ, जिसमें इनोवा कार खाई में गिर गई और उसमें सवार 6 लोगों की मृत्यु हो गई. यह घटना उस समय हुई जब श्रद्धालु सप्तश्रृंगी देवी के दर्शन करके गाड़ी से वापस लौट रहे थे. घाट इलाके के गणेश पॉइंट के पास ड्राइवर का नियंत्रण गाड़ी से छूट गया और कार खाई में गिर गई. इस दुर्घटना ने इलाके में शोक की लहर फैला दी है और स्थानीय प्रशासन द्वारा राहत कार्य शुरू कर दिया गया है.









