
लाहौर में अलर्ट, भारत के एयर स्पेस में एंट्री, चीन में लैंडिंग... हवा में 6 घंटे चला 'महान ड्रामा'
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ईरान के तेहरान से उड़ान भरने वाले विमान ने ग्वांग्झू में सुरक्षित लैंड कर लिया है. इस विमान में बम होने की अफवाह थी और ये दिल्ली में इमरजेंसी लैंडिंग करना चाहता था. लेकिन जब इजाजत नहीं मिली, 40 मिनट तक ये भारत के एयर स्पेस में घूमता रहा. इसी वजह से सुखोई जैट को भी सक्रिय होना पड़ा और काफी देर तक विमान को घेरा गया.
ईरान के तेहरान से उड़ान भरने वाले विमान W581 ने आखिरकार चीन के ग्वांग्झू में सुरक्षित लैंड कर लिया है. लेकिन इस एक उड़ान ने भारत, पाकिस्तान और चीन की सुरक्षा एजेंसियों को चिंता में डाल दिया. बम की एक अफवाह ने ऐसा माहौल बनाया कि कुछ घंटों की इस यात्रा में भारत के सुखोई जैट को सक्रिय होना पड़ा, दिल्ली में इमरजेंसी लैंडिंग की इजाजत नहीं मिली और 40 मिनट तक भारत के वायुक्षेत्र में विमान मंडराता रहा.
इस पूरी घटना की शुरुआत ईरान से हुई जब सुबह ईरान के तेहरान से विमान W581 ने उड़ान भरी. 340 सीटर वाले इस बयान को चीन के ग्वांग्झू में लैंड होना था. लेकिन बीच उड़ान में पायलट को सूचना दी गई कि विमान में कथित तौर पर एक बम है. इस सूचना ने पायलट के होश उड़ा दिए. फिर सुबह 9 बजकर 20 मिनट पर ये विमान भारत के एयरस्पेस में दाखिल हो गया. तब वहां भी दिल्ली एयर ट्रैफिक कंट्रोल को सूचना दी गई कि विमान में कथित तौर पर बम है. पायलट चाहता था कि विमान को दिल्ली में इमरजेंसी लैंडिंग की इजाजत दे दी जाए.
लेकिन जैसे ही कथित बम की सूचना मिली, दिल्ली एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने ये इनपुट सुरक्षा एजेंसी और वायुसेना के साथ साझा किया. तमाम परिस्थिति को समझते हुए वायुसेना ने W581 विमान को दिल्ली में इमरजेंसी लैंडिंग की इजाजत नहीं दी. इसके बजाय वायुसेना ने जोधपुर एयरबेस से तत्काल सुखोई जेट विमानों को एस्क्रैम्बल करने का निर्देश दिया. फिर देखते ही देखते दो सुखोई जैट ने ईरान के उस विमान को घेर लिया. घेरने का कारण भी ये रहा कि ये विमान अपनी संभावित ऊंचाई से नीचे आकर दिल्ली में लैंड करने का प्रयास कर रहा था. लेकिन क्योंकि वायुसेना ने इसकी इजाजत नहीं दी, ऐसे में विमान को रोकने के लिए सुखोई को सक्रिय किया गया.
यहां बड़ी बात ये भी है कि भारत की तरफ से पायलट को दो विकल्प दिए गए थे. कहा गया था कि वो चाहे तो विमान को जयपुर या चंडीगढ़ में लैंड करवा सकता है. लेकिन जब पायलट ने ऐसा करने से मना कर दिया तो उसे कही भी इमरजेंसी लैंडिंग की इजाजत नहीं दी गई. इस प्रक्रिया में 45 मिनट तक यानी कि सुबह 9.20 से 10.5 तक ये विमान दिल्ली के आसमान में मंडराता रहा. वायुसेना के मुताबिक, IAF द्वारा नागरिक उड्डयन मंत्रालय और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के साथ मिलकर निर्धारित प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की गई. जब तक विमान भारतीय एयरस्पेस में था, उस पर एयरफोर्स द्वारा नजर रखी गई.
इस घटना पर महान एयरलाइन ने भी एक बयान जारी किया है. उसने कहा है कि शांति को भंग करने के लिए इस तरह की अफवाह फैलाई गई. लेकिन ऐसी घटना के बाद महान एयरलाइन अपने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर और ज्यादा प्रतिबद्ध है और आगे भी अपनी सेवाएं देती रहेगी.

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