रूस से सस्ता तेल तो खरीद रहा भारत लेकिन हो गया ये बड़ा घाटा
AajTak
कॉमर्स डिपार्टमेंट के डेटा के मुताबिक, भारत का व्यापार घाटा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. ऐसा पहली बार हुआ है, जब भारत का व्यापार घाटा 100 अरब डॉलर पार किया है. इसका एक प्रमुख कारण रूस के साथ व्यापार घाटा में रिकॉर्ड सात गुना बढ़ोतरी है.
अमेरिका समेत पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध का सामना कर रहा रूस भारत को रियायती कीमतों पर तेल निर्यात कर रहा है. भारत भी अमेरिकी चेतावनी और आर्थिक प्रतिबंधों को नजरअंदाज करते हुए भारी मात्रा में रूसी तेल आयात कर रहा है. भारत का कहना है कि जहां से भी उसे रियायती कीमतों पर तेल मिलेगा, वहां से वह खरीदेगा. सस्ता तेल खरीदने की वजह से भारत का रूस के साथ व्यापार तो बढ़ा है लेकिन यह भारत के पक्ष में नहीं है.
दरअसल, रूस के साथ भारत का व्यापार घाटा सात गुना बढ़कर 34.79 अरब डॉलर हो गया है. किसी भी देश के लिए व्यापार संतुलन होना बहुत जरूरी है. यानी सभी देशों की यह कोशिश होती है कि अन्य देशों के साथ उसका व्यापार घाटा कम से कम हो.
चूंकि, दो देशों के बीच ट्रेड डील आमतौर पर डॉलर में होती है. ऐसे में ज्यादा व्यापार घाटा किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है.
रूस के साथ भारत के रिकॉर्ड व्यापार घाटे का प्रमुख कारण बंपर तेल आयात है. व्यापार घाटा का यह आंकड़ा इसलिए भी भारत के लिए चिंताजनक है क्योंकि भारत का व्यापार घाटा अब 101.02 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर को पार कर गया है. ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत का व्यापार घाटा 100 अरब डॉलर पार किया है. जब कोई देश निर्यात की तुलना में आयात ज्यादा करता है तो उसे व्यापार घाटा कहते हैं. यानी भारत रूस को सामान बेच कम रहा है और खरीद ज्यादा रहा है.
रूस के साथ व्यापार घाटा उच्चतम स्तर पर
रिपोर्ट के मुताबिक, कच्चे तेल के लिए रूस पर बढ़ती निर्भरता के कारण भारत का रूस के साथ व्यापार घाटा दूसरे स्थान पर पहुंच गया है. भारत का सबसे ज्यादा व्यापार घाटा चीन के साथ है.