
'रामायण' फेम अरुण गोविल ने 'आदिपुरुष' के टीजर पर तोड़ी चुप्पी, बोले- संस्कृति से छेड़छाड़ ठीक नहीं
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आदिपुरुष के टीजर पर अरुण गोविल का रिएरक्शन सामने आया है. वो कहते हैं, रामायण और महाभारत जैसे जितने भी ग्रंथ और शास्त्र हैं, ये हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर है. ये हमारी संस्कृति है, जड़ है. सारी मानव सभ्यता के लिये एक नीव सामान है. ना नीव को हिला सकते हैं और ना ही जड़ को.
प्रभास स्टारर फिल्म 'आदिपुरुष' को लेकर हर ओर हंगामा मचा हुआ है. टीजर सामने आते ही लोगों ने इस पर आपत्ति जतानी शुरू कर दी है. लोगों को 'आदिपुरुष' के टीजर में एक नहीं, बल्कि कई खामियां नजर आ रही हैं. अब इस पर 'रामायण' फेम अरुण गोविल का रिएक्शन सामने आया है. आइये जानते हैं कि अरुण गोविल का इस पर क्या कहना है.
अरुण गोविल ने किया रिएक्ट 'आदिपुरुष' का टीजर देखने के बाद लोग मेकर्स पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा रहे हैं. अरुण गोविल से भी इस बारे में बात करने की कोशिश की गई थी. पर उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया था. अब उन्होंने फिल्म के टीजर पर अपनी राय रखी है. अरुण गोविल ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा, 'बहुत वक्त से मेरे दिमाग में बहुत सी बातें चल रही थीं, जिन्हें आपसे शेयर करने का समय आ गया है.'
वो कहते हैं, 'रामायण और महाभारत जैसे जितने भी ग्रंथ और शास्त्र हैं, ये हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर है. ये हमारी संस्कृति है, जड़ है. सारी मानव सभ्यता के लिये एक नींव सामान है. ना ही नींव को हिलाया जा सकता है और ना ही जड़ को बदला जा सकता है. नींव या जड़ के साथ किसी तरह का खिलवाड़ या छेड़छाड़ ठीक नहीं है. हमें शास्त्रों से संस्कार मिलते हैं, जीने का आधार मिलता है. ये धरोधर ही हमें जीने की कला सिखाती है. हमारी संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति है.'
कोरोना में दिखी धार्मिक शक्ति अरुण गोविल आगे बात करते हुए कहते हैं कि 'जब ढाई साल पहले कोरोना आया, तो उसने हमारी धार्मिक मान्यताओं को मजबूत किया. कोरोना के दौरान जब रामायण का प्रसारण हुआ, तो उसने विश्व रिकॉर्ड बनाया. ये हमारी मान्यताओं और परंपरा का बहुत बड़ा संकेत है. 35 साल पहले बनी रामायण को हमारी युवा पीढ़ी ने पूरी श्रद्धा और आस्था से देखा.'
अरुण गोविल ने फिल्म मेकर्स और राइटर्स पर बात करते हुए कहा कि 'आपको हमारी नीव, जड़ और धार्मिक संस्कृति से छेड़छाड़ करने का हक नहीं है.' इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि 'क्रिएटिविटी के नाम पर धर्म का मजाक ना बनायें.' वीडियो के अंत में अरुण गोविल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को, धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहरों को पहचान दिलाने के लिये शुक्रिया भी अदा किया.

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