रात में बैठी सुप्रीम कोर्ट, कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस गंगोपाध्याय के आदेश पर लगाई रोक
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सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के आदेश पर रोक लगाई है. शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले से संबंधित मामले को किसी अन्य न्यायाधीश को सौंपने का निर्देश दिया था. बता दें कि शिक्षक भर्ती घोटाला 2014 का है.
सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के आदेश पर रोक लगा दी है. इसके लिए रात 8 बजे स्पेशल बेंच बैठी और फिर इस पर रोक लगाई गई है. जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस आदेश पर रोक लगाई है. कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस गंगोपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से आज की तारीख में ही (शुक्रवार को ) अपने टीवी इंटरव्यू का ओरिजनल ट्रांसक्रिप्ट देने का आदेश दिया था.
शिक्षक भर्ती घोटाला से जुड़ा था आदेश सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी कहा कि जस्टिस गंगोपाध्याय को इस तरह का आदेश नहीं पारित करना चाहिए था. दरअसल शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले से संबंधित मामले को किसी अन्य न्यायाधीश को सौंपने का निर्देश दिया था. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने जस्टिस गंगोपाध्याय के एक समाचार चैनल के साक्षात्कार पर कलकत्ता उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा दी गई रिपोर्ट पर आदेश पास किया, जिसमें जस्टिस गंगोपाध्याय ने कथित तौर पर उस मामले पर बात की थी जिसकी वह सुनवाई कर रहे थे.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जस्टिस गंगोपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से स्पष्टीकरण मांगने के लिए एक न्यायिक आदेश पारित किया और अपने टीवी इंटरव्यू की ओरिजनल ट्रांसक्रिप्ट रात 12 बजे से पहले मुहैया कराने का आदेश दिया था.
क्या है शिक्षा भर्ती घोटाला? यह घोटाला 2014 का है. तब पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमिशन (SSC) ने पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली थी. यह भर्ती प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी. उस वक्त पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे. इस मामले में गड़बड़ी की कई शिकायतें कोलकाता हाईकोर्ट में दाखिल हुई थीं.
टीईटी परीक्षा में फेल उम्मीदवारों को भी मिल गई नौकरी याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि जिन उम्मीदवारों के नंबर कम थे उन्हें मेरिट लिस्ट में ऊपर स्थान मिला है. इतना ही नहीं कुछ शिकायतें ऐसी भी थीं, जिनमें कहा गया था कि कुछ उम्मीदवारों का मेरिट लिस्ट में नाम न होने पर भी उन्हें नौकरी दे दी गई. कुछ ऐसे भी उम्मीदवारों को नौकरी दी गई, जिन्होंने टीईटी परीक्षा भी पास नहीं की थी. इसी तरह से राज्य में 2016 में एसएससी द्वारा ग्रुप डी की 13000 भर्ती के मामले में शिकायतें मिली थीं. हाईकोर्ट ने इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. इसके बाद ईडी ने शिक्षक भर्ती और कर्मचारियों की भर्ती के मालमे में मनी ट्रेल की जांच शुरू की थी. इस मामले में बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और उनके सहयोगियों को भी हिरासत में लिया गया है.
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