
रणथंभौर नेशनल पार्कः सात दिन में बाघ-बाघिन और शावक की मौत, वन विभाग की चिंताएं बढ़ीं
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राजस्थान के रणथंभौर में बाघों की मौत के चलते विभाग की चिंता बढ़ गई है. यहां कुछ दिन पहले बाघ टी-57 की मौत के बाद अब बाघिन टी-114 की भी मौत हो गई. करीब 7 दिन से बाघिन लापता थी. इसके बाद भी टीम उसे ट्रेस नहीं कर पाई. अब बाघिन मृत अवस्था में मिली. वहीं, मंगलवार दोपहर के समय टी-114 के एक शावक की भी मौत हो गई.
रणथंभौर से फिर दुखद खबर सामने आई है. यहां बाघिन टी-114 का शव मिला है. बताया जा रहा है कि शव सात दिन पुराना है. सूचना पर रणथंभौर के डीएफओ संग्राम सिंह मौके पर पहुंचे. आज बाघिन के एक शावक का भी शव मिला है. वन विभाग ने इसको लेकर बाघिन की तलाश करने की बात कही गई थी. अब 7 दिन पुराना बाघिन का शव मिलने से वन विभाग की ट्रैकिंग पर सवाल उठे रहे हैं.
रणथंभौर में कुछ दिनों पूर्व बाघ टी-57 की मौत हुई थी. इसके बाद अब बाघिन टी-114 के एक शावक की मौत हो गई. बीते दिनों रणथंभौर की फलौदी रेंज के दोलाड़ा गांव के एक खेत में तीन शावक नजर आए थे. इसके बाद अब आज तीन में से एक बाघ शावक के मौत की खबर आई है.
वन विभाग की टीम को आज रणथंभौर टाइगर रिजर्व से कुछ दूरी पर फलौदी रेंज के नहारी नाले में एनिकट के पास एक बाघ शावक मृत अवस्था में मिला. सूचना वनकर्मियों ने वनाधिकारियों को दी. वन विभाग के उच्च अधिकारी व टीम मौके पर पहुंची और शावक के शव को कब्जे में लिया. इसके बाद वेटरनरी बोर्ड ने फलौदी रेंज में पोस्टमार्टम किया. पोस्टमार्टम के बाद वन विभाग ने वहीं शावक का अंतिम संस्कार कर दिया.
25 जनवरी को नजर आए थे बाघिन टी 114 के तीन शावक
वन विभाग के अनुसार, पहली बार ग्रामीणों को 25 जनवरी को बाघिन टी 114 के तीन शावक दोलाड़ा गांव में नजर आए थे. ग्रामीणों ने इस बारे में वन विभाग को सूचना भी दी थी. जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची थी. वन विभाग की ओर से शावकों की लगातार मॉनीटरिंग की जा रही थी. इसके लिए विभाग की ओर से 20 से अधिक वन कर्मियों की टीम भी लगाई गई थी. टीम को शावक तो लगातार नजर आ रहे थे, लेकिन उनकी मां बाघिन टी-114 नजर नहीं आ रही थी.
करीब तीन माह है मृतक शावक की उम्र

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